अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के आह्वान पर कुंभ मेला में आने वाले संत लेंगे संकल्प

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ALLAHABAD: संगम की रेत पर अगले वर्ष लगने वाला कुंभ मेला इतिहास रचेगा। यहां आने वाले संत-महात्मा देहदान कर दुनिया के लिए नजीर पेश करेंगे। इस कल्पना को साकार रुप देने का प्रयास शुरू हो गया है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कुंभ मेला में दर्जनों संत-महात्माओं से देहदान कराने की योजना बनाई है।

अखाड़ों को दिया गया निर्देश

अखाड़ा परिषद के अन्तर्गत देश भर के तेरह अखाड़ों की गतिविधियों व कार्यो का संचालन किया जा रहा है। समाज की भलाई के लिए परिषद के महामंत्री महंत हरी गिरि की ओर से जुलाई के पहले सप्ताह में सभी अखाड़ों के श्रीमहंतों को कुंभ मेला में देहदान करने के लिए निर्देश जारी किया गया था।

दो दर्जन की मिली सहमति

परिषद की ओर से जब अखाड़ों को निर्देश जारी किया गया तो सबसे पहले जूना अखाड़ा के संत-महात्मा आगे आए। परिषद के महामंत्री की मानें तो जूना अखाड़े से अब तक बीस से ज्यादा संतों ने स्वेच्छा से देहदान के लिए संस्तुति दी है।

बैठक में नाम होगा सार्वजनिक

कुंभ मेला के दौरान किस अखाड़े से कितने संत-महात्मा देहदान के लिए तैयार होंगे। इसे लेकर अगस्त के दूसरे या तीसरे सप्ताह में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की बैठक बुलाई जाएगी। परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि ने बताया कि संन्यासी त्याग के लिए ही प्रसिद्ध होता है। जितने भी संत-महात्मा देहदान के लिए इच्छुक होंगे उन सभी के नामों पर बैठक में मंथन किया जाएगा। जितने नामों पर सहमति बन जाएगी उसे सार्वजनिक किया जाएगा।

कुंभ मेला के दौरान देहदान के लिए देश के सभी अखाड़ों से अपील की गई है। सभी अखाड़े अपने संतों का नाम तय करेंगे। इसके बाद अखाड़ा परिषद की बैठक में नामों पर मंथन किया जाएगा।

महंत हरी गिरि, महामंत्री, अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद