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ALLAHABAD: सनातन संस्कृति की रक्षा और देश भर फर्जी तरीके से बाबा का चोला धारण करने वालों के खिलाफ अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद से पिछले वर्ष दस सितम्बर को पहली लिस्ट जारी की थी। उस लिस्ट के औचित्य पर सवाल खड़ा हो गया है। लिस्ट में देश भर से चौदह बाबा में से इलाहाबाद से भी दो नाम था। आचार्य कुशमुनि और ओउम नम शिवाय बाबा का लेकिन संगम की रेती पर चल रहे धार्मिक मेले में दोनों बाबा का शिविर लगाया गया है। इसके लिए उन्हें बकायदा मेला प्रशासन से जमीन आवंटित की गई है।

 

मेले में सक्रिय है दोनों

माघ मेले का पहला स्नान पर्व दो जनवरी को था। उसी दिन से संगम की ओर जाने वाले मार्ग पर ओउम नम शिवाय बाबा के शिविर में भंडारा भी शुरू किया गया। इसी तरह मेला क्षेत्र में आचार्य कुशमुनि की सक्रियता भी लगातार बनी हुई है। इनकी पत्‌नी के नाम पर महाशक्ति समिति का शिविर सरस्वती मार्ग पर लगा हुआ है।

 

परिषद अध्यक्ष ने प्रशासन को लिखा था पत्र

अखाड़ा परिषद ने जब पहली लिस्ट जारी की थी तो उसी समय परिषद के पदाधिकारियों ने शासन से मांग की थी कि इन लोगों को मेला क्षेत्र में प्रवेश न करने दिया जाए। इतना ही नहीं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेन्द्र गिरि ने जमीन आवंटन के दौरान प्रभारी मेला अधिकारी राजीव कुमार राय को भी पत्र लिखकर ऐसे लोगों को शिविर ना दिए जाने की मांग की थी।

 

पहली लिस्ट में शामिल थे 14 बाबा

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने दस सितम्बर 2017 को फर्जी बाबाओं की पहली लिस्ट जारी की थी। इनमें आसाराम, राम रहीम, राधे मां, सच्चिदानंद गिरि, ओम बाबा, स्वामी असीमानंद, रामपाल, मलखान गिरि, शिवमूर्ति द्विवेदी, नारायण सांई, निर्मल बाबा व बृहस्पति गिरि शामिल थे। जबकि इलाहाबाद से ओम नम शिवाय बाबा और आचार्य कुशमुनि का नाम फर्जी लिस्ट में था।

 

सनातन धर्म के साथ खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ लिस्ट जारी करना हमारा कर्तव्य है। परिषद ने लिस्ट जारी कर शासन को आगाह किया था कि इन लोगों को मेला क्षेत्र में ना आने दिया जाए। इन लोगों पर प्रशासन को शिंकजा कसना चाहिए था।

महंत नरेन्द्र गिरि,

अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद

 

अखाड़ा परिषद धर्म का ठेकेदार नहीं है कि जिसे चाहा निकाल दिया और जो पसंद हो उसे पद से सुशोभित किया जाए। यह अवैधानिक संस्था है। इसलिए परिषद की ओर से जारी की गई लिस्ट का कोई औचित्य नहीं है।

-आचार्य कुशमुनि,

अध्यक्ष ओंकार अखाड़ा