- अखिल भारतीय संगीत महोत्सव में शास्त्रीय संगीत की स्वर लहरियों पर झूमे श्रोता

- बांसुरी और सितार की जुगलबंदी ने श्रोताओं को किया भाव विभोर

ALLAHABAD: प्रयाग संगीत समिति में बुधवार की शाम शास्त्रीय संगीत के सुरों व ताल की जुगलबंदी देखने को मिली। मौका था समिति में चल रहे 55वें अखिल भारतीय संगीत सम्मेलन 2016 का। संगीत के साधकों ने अपने हुनर का बेमिसाल नमूना श्रोताओं के सामने पेश किया। जिस पर श्रोता तालियां बजाने को मजबूर हो गए। कलाकार मास्टर फैजान अहमद खां ने छोटा ख्याल के अन्तर्गत ऐरी आली पिया बिन, राग यमन पर आधारित सलोना रे मोरा बालमा और दादरा पर आधारित याद पिया की आई की प्रस्तुति देकर श्रोताओं की जमकर वाहवाही बटोरी।

हर ताल पर बजती रही तालियां

शास्त्रीय संगीत पर आधारित सुरों की महफिल में सबसे अधिक आकर्षण का केन्द्र रहा मुम्बई के पं। भाष्कर दास के बांसुरी और कोलकाता के रोहम गुप्ता के सितार वादन की जुगलबंदी। प्रस्तुति के दौरान प्रत्येक राग और ताल पर श्रोताओं ने तालियों से दोनों कलाकारों का उत्साह वर्धन किया। यूएसए से आयीं रोमा श्रीवास्तव ने सितार के सधे सुरों की प्रस्तुति से श्रोताओं का दिल जीत लिया।

सभी का दिल जीत लिया

कोलकाता से आयी अंजना नाथ ने विभिन्न रागों पर आधारित गीतों रतिया हमारी बैरन भई, रंग लगा दे मोरे श्याम, पिचकारी ना मारो नंद लाल से पूरे महौल को होली के खुमार में डूबो दिया। आखिर में सचिव अरूण कुमार ने सभी कलाकारों को नटराज की मूर्ति को स्मृति चिन्ह के रूप में देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन मधु रानी शुक्ला ने किया।