JAMSHEDPUR: रविवार को ऑल इंडिया संताली राइटर्स एसोसिएशन के ख्9वें दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन का समापन हो गया। सम्मेलन के अंतिम दिन संताली भाषा व ओलिचिकि लिपि का व्यापक प्रसार करने का संकल्प लिया गया तो संताल समुदाय के युवाओं को इस प्रसार अभियान का सूत्रधार बनाने की रणनीति बनाई गई। सम्मेलन में एसोसिएशन का पुनर्गठन किया गया। इसमें निरंजन हांसदा को सर्वसम्मति से एसोसिएशन का अध्यक्ष बनाया गया। सम्मेलन के समापन समारोह में रंगारंग संताली सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम रही।

हुई विचार-गोष्ठी

सम्मेलन की शुरुआत रविवार को 'संताली साहित्य पर आदिवासी विकास व विस्थापन का प्रतिबिंब' विषय पर आयोजित विचार-गोष्ठी से हुई। इसकी अध्यक्षता यूएन माझी ने की। फुदन मुर्मू, जोबा मुर्मू, विक्रम हांसदा। अरुण कुमार समेत कई वक्ताओं ने अपने विचार रखे। इसके बाद संताली भाषा के विकास व प्रसार में युवाओं व बच्चों की भूमिका विषय पर चर्चा हुई। अध्यक्षता सीआर माझी ने की। इस विषय पर अर्जुन मरांडी, गोराचंद मुर्मू, ताला टुडू, अनपा मांडी, सुशांत सोरेन, सालखू माझी, भुआ हांसदा ने वक्तव्य दिया। सम्मेलन के दूसरे सांस्कृतिक एवं साहित्यिक संगठनों को मजबूत बनाने के विषय पर बैद्यनाथ हांसदा, राम चंद्र मुर्मू, रामराय माझी, पितांबर हांसदा, सुंदरी सोरेन, ने विचार व्यक्त किए। चर्चा की अध्यक्षता मंगल माझी ने की।

चंडीचररण किस्कू व गणेश हांसदा बने उपाध्यक्ष

समापन समारोह के अंत में वार्षिक आम सभा का आयोजन किया गया, जिसमें एसोसिएशन की नई कमेटी का गठन किया गया। निरंजन हांसदा के नेतृत्व में बनी नई कमेटी में चंडीचररण किस्कू व गणेश हांसदा को उपाध्यक्ष बनाया गया तो आदित्य कुमार मांडी को महासचिव तो अर्जुन मांडी व सचिन मांडी को सहायक महासचिव बनाया गया। एसोसिएशन में निरंजन सोरेन को कोषाध्यक्ष व शिवनाथ हेम्ब्रम को सहायक कोषाध्यक्ष बनाया गया। कार्यकारिणी में रसिक बास्के, सरोज कुमार सोरेन, मंगल मुर्मू, सपना हेम्ब्रम, रजनीकांत मांडी, मानसिंह माझी, सूर्यचंद बास्के को शामिल किया गया। इससे पूर्व एसोसिएशन ने कई प्रस्ताव पारित किये गये। एसोसिएशन के प्रस्ताव में संताली साहित्य के ढांचागत विकास की पहल करने से लेकर संताली भाषा के अधिक से अधिक प्रसार की रणनीति तय की गई है।