एक जासूस की निशानदेही पर घर से हुई गिरफ्तार

समरेश झा नाम के एक जासूस को पुलिस ने गिरफ्तार किया तो उसने बताया कि वह कॉल डिटेल्स को रजनी के कहने पर प्राप्त किया करता था। बाद में वे लोग इसे मोटी कीमत पर बेच दिया करते थे। पुलिस ने अवैध रूप से कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड यानी सीडीआर प्राप्त करने और उन्हें मोटी कीमत पर बेचने के आरोप में कई लोगों को पकड़ कर एक जासूसी गिरोह का भांडाफोड़ किया है।

पुलिस ने कहा पुख्ता सबूत, कोई नहीं बख्शा जाएगा

ठाणे पुलिस ने बताया कि उसके पास रजनी द्वारा पांच लोगों के सीडीआर अवैध रूप से प्राप्त करने और बेचे जाने के पुश्ता सबूत हैं। रजनी पंडित इस रैकेटे को चलाती थीं, इसमें उनकी भूमिका स्पष्ट है। जो भी इस मामले में शामिल है, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। पुलिस ने दो अन्य जासूस संतोष पंडगले और प्रशांत सोनावाणे को भी धर दबोचा है। पूछताछ में यह बात सामने आई है कि इन लोगों ने अपने क्लाइंट को एक मोटी रकम के बदले सीडीआर देने का वादा किया था।

दिल्ली का व्यक्ति उपलब्ध कराता था सीडीआर

पुलिस ने दिल्ली के एक व्यक्ति पर जीरो एफआईआर दर्ज की है। यही व्यक्ति इन लोगों को सीडीआर उपलब्ध कराया करता था। पुलिस अभी इस मामले की गहराई से छानबीन कर रही है। इस मामले में शामिल रजनी पंडित एक पूर्व पुलिस अधिकारी की बेटी हैं। ये पहली ऐसी महिला के रूप में विख्यात हैं जिसने प्राइवेट डिडेक्टिव एजेंसी शुरू की। मीडिया में ये देश की पहली महिला के रूप में खबरों में छाई रहती हैं।

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