- मतगणना के लिये एजेंट बनाने की कवायद तेज

- सभी का दावा, विजयश्री चूमेगी उनके ही कदम

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LUCKNOW : लखनऊ लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद हो चुकी है. अब 23 मई को मतगणना के साथ ही पता चल जाएगा कि नवाबी शहर के बाशिंदों ने किसे लोकसभा भेजने का ग्रीन सिग्नल दिया और किसे नकार दिया. हालांकि, इस खास दिन के लिये सभी पार्टियां अपनी तैयारियों में जुटी हैं. सभी का मानना है कि 23 मई को विजयश्री उनके ही कदम चूमेगी. लखनऊ सीट पर किस्मत आजमा रही प्रमुख पार्टियां बीजेपी, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने आखिर क्या तैयारियां की हैं और जीत को लेकर उनके क्या दावे हैं, पेश है एक विशेष रिपोर्ट-

'तोड़ देंगे पिछला रिकॉर्ड'

'इस बार के चुनाव में जनता का उत्साह देखते ही बन रहा था. मैने शहर के सभी वार्डो का कई-कई बार दौरा किया. जनता राजनाथ जी द्वारा कराए गए कामों से बेहद खुश है और वह उन्हें फिर से अपना सांसद बनाकर राजधानी में विकास की गंगा को अनवरत बहते देखना चाह रही है. यही वजह है कि इस बार राजनाथ जी की विजय अभूतपूर्व होगी. सपा व कांग्रेस के प्रत्याशी दूसरे व तीसरे नंबर की लड़ाई लड़ रहे हैं. इन दोनों प्रमुख पार्टियों के प्रत्याशियों की जमानत बच जाए यह ही बहुत है. कार्यकर्ताओं की मेहनत व राजनाथ जी के प्रति लखनऊ के वोटर्स के दिल में सम्मान को देखते हुए मैं यह दावे से कह सकता हूं कि इस बार के परिणाम पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ देंगे और राजनाथ जी की विजय का अंतर पिछली बार से कई गुना ज्यादा होगा. जहां तक तैयारियों की बात है तो फिलहाल काउंटिंग एजेंट बनाने की प्रक्रिया चल रही है. रविवार तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा'

मुकेश शर्मा

नगर अध्यक्ष

बीजेपी, लखनऊ

'लड़ाई कांगे्रस और बीजेपी के बीच'

'अभी तो हमारा पूरा ध्यान काउंटिंग एजेंट बनाने पर है. उसे लेकर बैठकें चल रही हैं. रविवार तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा. जहां तक वोटिंग की बात है तो लखनऊ लोकसभा सीट पर लड़ाई कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही है. जहां तक गठबंधन का दावा है कि उसे मुस्लिम, सिंधी व कायस्थ समाज का समर्थन मिला है, वह बिलकुल गलत है. गठबंधन प्रत्याशी पूनम सिन्हा तीसरे नंबर पर हैं. दरअसल, कांग्रेस को मुस्लिम समेत समाज के सभी वर्गो का भरपूर समर्थन मिला. लखनऊ से सांसद रहे राजनाथ सिंह से राजधानी के वोटर्स नाराज हैं. उन्होंने कोई भी ऐसा काम नहीं किया जो राजधानी के लोगों के जीवन स्तर में बदलाव ला सके. यही वजह है कि मतदान वाले दिन लखनऊ का वोटर खामोश रहा और उसने अपना वोट कांग्रेस के प्रत्याशी आचार्य प्रमोद कृष्णम को दिया. हमें उम्मीद है कि राजधानी में इस बार कांग्रेस को विजय मिलेगी.'

बोधलाल शुक्ल

नगर अध्यक्ष, कांग्रेस

'अखिलेश के काम को देख मिले वोट'

'फिलहाल हमने काउंटिंग एजेंट बनाने की सभी औपचारिक्ताएं पूरी कर ली हैं. अब तो मतगणना के दिन का इंतजार है. लखनऊ के लिये पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती जी ने जो ऐतिहासिक काम किये हैं उन्हें जनता ने देखा है. इन कामों की वजह से देश ही नहीं विदेशों में भी लखनऊ की पहचान बनी. कांग्रेस जो दावा कर रही है कि उसे मुस्लिम समेत समाज के सभी वर्गो ने वोट किया है, वह छलावा मात्र है. मैं तो कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि उन्होंने आखिर लखनऊ के लिये किया ही क्या है. लखनऊ में जो भी काम हुए वह अखिलेश जी और मायावती जी ने ही किये. गृहमंत्री होते हुए भी निवर्तमान सांसद राजनाथ जी न तो लखनऊ में कोई बड़ी योजना ला पाए और न ही कोई बड़ी फैक्ट्री ही लगी, जिसमें लखनऊ के युवाओं को रोजगार मिल सके. इसी वजह से लखनऊ की जनता उनसे बेहद नाराज है. यही वजह है कि हम लोग अपनी जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त हैं.'

फाखिर सिद्दीकी, नगर अध्यक्ष, समाजवादी पार्टी