ह्मड्डठ्ठष्द्धद्ब : राष्ट्रीय पार्टियों के साथ साथ सभी दलों के कैडरों की आज से लाइन हाजिरी शुरु हो गई है। सभी पार्टियों के आलाकमान ने निकाय चुनाव के लिए कमर कस लिया है और कैडरों को बुलावा भेजा जा रहा है। अपने नेताओं के समक्ष उपस्थित होकर प्लान के सबंध में विस्तार से जानकारी प्रदान करने के लिए कार्यकर्ताओं की तैयारी भी जोरों पर है। पार्टी के लोग इस मंथन पल लगे हैं कि पहली बार हो रहे इस दलगत चुनाव में आखिरकार जीत कैसे हासिल की जाएगी।

कैडर बढ़ाने के निर्देश

जानकारों की मानें तो पुराने और समर्पित कार्यकत्र्ताओं को कैडर वृद्धि के निर्देश भी जारी किए जा रहे हैं। उन्हें कहा जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा नये युवकों को पार्टी की सदस्याता दिलाई जाए ताकि पार्टी मजबूत हो सके। ऐसे में हर इलाके के नवयुवकों से पार्टी कार्यकत्र्ता लागातार सम्पर्क बना रहे हैं।

उपेक्षित वर्कर्स की भी चांदी

जो कार्यकत्र्ता विधानसभा चुनाव के बाद से ही खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं उनकी भी चांदी कटनी शुरु हो गयी है। पार्टी के बड़े नेताओं के फोन लागातार घनघना रहे हैं और तरह तरह के निर्देश जारी किए जा रहे हैं। चुनाव जीतने के लिए धनबल का भी भरपूर प्रयोग किया जा रहा है।

तैयार कर रहे लेखा जोखा

इलाके में पार्टी के द्वारा किए जा रहे कार्यो, उपलब्धियों और जनसमस्याओं की जानकारी एकत्र की जा रही है साथ ही उसे सकारात्मक तरीके से पेश करने की पूरी तैयारी की जा रही है। पार्टी के शीर्ष नेतागण अपनी रणनीति के हिसाब से प्लान में फेरबदल कर रहे हैं।

ज्यादा से ज्यादा युवाओं को जोड़ने की कवायद

विगत चुनाव के पोलिंग प्रतिशत बताते हैं कि वोटर्स बहुत ही कम संख्या में बाहर निकले हैं, ऐसे में यह भी कयास लगाया जा रहा है कि वोट देने वाले ज्यादातर लोग कैडर के ही रहे हों। यह देखते हुए सभी पार्टियां नवयुवकों को निशाने पर रखी हुई हैं। ज्यादा से ज्यादा लोगों को चुनाव के पहले पार्टी में लाया जा सके जो लोग चुनाव के दिन वोट देकर प्रत्याशी को विजयी होने में मदद कर सकें।