फेक पंजाबी हैं इंफोसिस के सीईओ विशाल सिक्का!
जी हां. विशाल सिक्का फर्जी पंजाबी हैं. यह बात हम नहीं बल्कि उनकी वाइफ कहती हैं. दरअसल विशाल एक पंजाबी फैमिली से आते हैं लेकिन वे मध्य प्रदेश से लेकर गुजरात और अमेरिका जैसे कई जगहों पर रहें हैं. उन पर दुनिया के तमाम कल्चर्स की छाप भी है. इसलिए वे एक टिपिकल पंजाबी जैसे नहीं है. यही वजह है कि उनकी वाइफ उन्हें फेक पंजाबी बुलाती हैं.

बहूत स्टूडियस कभी नहीं रहे सिक्का
आप सोच रहे होंगे इतनी बड़ी कंपनी का सीईओ बनने वाले सिक्का अपनी स्टूडेंट लाइफ में बहुत पढ़ाकू रहे होंगे. लेकिन उनके बैचमेट्स की मानें तो विशाल कभी पढ़ाकू या नर्ड किस्म के नहीं रहे. वे हमेशा से हंसमुख और मिलनसार रहे लेकिन बहुत स्टूडियस कभी नहीं.

कार एक्सीडेंट से सिक्का को मिली सबसे बड़ी सक्सेस!
विशाल सिक्का की सबसे बड़ी अचीवमेंट के पीछे एक कार एक्सीडेंट का हाथ है. साल 2008 में विशाल अपनी फैमिली के साथ रशिया के कोस्टा में वैकेशन मनाने गए थे. इसी दौरान उन्हें एक कार एक्सीडेंट का सामना करना पड़ा. हालांकि इस एक्सीडेंट में किसी को ज्यादा चोट नहीं आई लेकिन इसने सिक्का को हिला दिया. वे जॉब छोड़कर एक सुकून की जिंदगी जीना चाहते थे. ये बात उन्होंने डिनर के दौरान अपनी जर्मन कंपनी  सैप के फाउंडर को समझानी चाही. सिक्का ने फाउंडर से कहा कि जॉब छोड़ने से पहले वे डेटा कंप्यूटेशन स्पीड पर असर डालने वाली नई टेकनीक पर काम करना चाहते हैं. इस पर फाउंडर ने उन्हें सैप को पूरी तरह से रिन्यू करने के लिए चैलेंज किया. और इस तरह सिक्का ने डेवलप किया उन्हें फेम दिलाने वाला पॉप्युलर डेटा क्रंचिंग टूल'HANA'(High Performance Analytical Appliance). यह टूल एसएपी का फास्टेस्ट सेलिंग प्रोडक्ट बना और इसने सैप का नक्शा ही बदल दिया.

इंफोसिस के पहले नॉन फाउंडर सीईओ
विशाल सिक्का इंफोसिस के नॉन फाउंडर सीईओ बनने वाले पहले व्यक्ति हैं. कंपनी की कमान सिक्का जैसे बाहरी व्यक्ति के हाथ में जाने से कॉरपोरेट वर्ल्ड की निगाहें उनके हर छोटे-बड़े फैसले पर टिकी होंगी.

 

कौन से चैलेंजेज हैं सिक्का के सामने?
उनके पास सर्विस सेक्टर का एक्सपीरिएंस नहीं है. यहां पर खुद को साबित करना विशाल के लिए एक चैलेंज होगा. इसके साथ हाल ही इंफोसिस कई बड़े ऑफिसर्स ने रिजाइन भी किया है. कंपनी के प्रेसीडेंट बीजी श्रीनिवासन और ग्लोबल सेल्स हेड त्रिकुटम ने भी रिजाइन दे दिया. इससे कंपनी के टॉप मैनेजमेंट स्टेबिलिटी को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. इस स्टेबिलिटी को वापस ले आना भी सिक्का के लिए एक बड़ा चैलेंज है.

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