RANCHI : झारखंड के पर्यटन स्थल अब तंबाकू मुक्त क्षेत्र घोषित कर दिए गए हैं। चिह्नित क्षेत्रों में तंबाकू सेवन करना मंहगा पड़ सकता है। इसलिए, अब पर्यटन स्थलों पर नशा-पान न करें। राज्य के पर्यटन सचिव डॉ मनीष रंजन ने अधिसूचना जारी करते हुए झारखंड के सभी पर्यटन स्थल, झारखंड टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन के नियंत्रणाधीन होटल, मोटल, रेस्टोरेंट, कार्यालय और विभाग के अन्य परिक्षेत्रों को तंबाकूमुक्त क्षेत्र घोषित किया है।

स्वच्छता अभियान के लिए जरूरी

डॉ मनीष रंजन ने बताया कि तंबाकू का सेवन कर यत्र-तत्र थूकने के कारण कई गंभीर बीमारियों के संक्रमण की प्रबल आशंका बनी रहती है। साथ ही गंदगीपूर्ण वातावरण भी बनता है, जिससे सरकार का स्वच्छता अभियान भी प्रभावित होता है। तंबाकू सेवन से कई बीमारियां यथा हृदय रोग, फेफड़े का कैंसर, मुंह का कैंसर होता है।

39 परसेंट करते हैं तंबाकू का सेवन

राज्य सरकार को तंबाकू नियंत्रण में तकनीकी सहयोग देने वाली संस्था सोशियो इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसाइटी (सीड्स) के कार्यपालक निदेशक दीपक मिश्रा ने बताया कि हाल ही में भारत सरकार और विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा प्रकाशित गैट्स दो के आंकड़ों के मुताबिक झारखंड में 38.9 फीसद वयस्क किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं।

खैनी व गुटखा का सबसे ज्यादा इस्तेमाल

राज्य में खैनी और गुटखा सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला तंबाकू उत्पाद है। 26.6 फीसद वयस्क खैनी का इस्तेमाल करते हैं और 8.3 फीसद वयस्क गुटखा व पान मसाला का उपयोग करते हैं। जबकि बीड़ी (5.2 फीसद) पीने वालों से अधिक सिगरेट (6.5 फीसद) पीने वाले हैं।