- दोपहर तक बंद रहीं दवा की दुकानें और नर्सिग होम्स

- दुकानों पर दिनभर लगा रहा ताला, मॉल्स भी रहे बंद

- पेट्रोल पंप पर सुबह नहीं मिला पेट्रोल, लोग हुए परेशान

ALLAHABAD: व्यापारी नेता बनवारी लाल कंछल पर हुए जानलेवा हमले के विरोध में हुए प्रदेश बंद का असर गुरुवार को इलाहाबाद में भी दिखाई पड़ा। मार्केट से लेकर नर्सिग होम, दवा की दुकानों, पेट्रोल पंप और मॉल्स बंद होने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। व्यापारी संगठनों ने एकजुट होकर शासन का विरोध किया और हमले के आरोपी वकीलों की गिरफ्तारी की मांग की।

इस बारे में जानकारी नहीं थी

व्यापारियों के बंद के समर्थन में पेट्रोल पंप एसोसिएशन ने भी दोपहर बारह बजे तक बंदी का ऐलान किया था। गुरुवार को सुबह इसकी जानकारी नहीं होने पर लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। खासतौर से सिविल लाइंस और आसपास के इलाकों में दोपहर एक बजे तक पेट्रोल पंप खोले गए। खासतौर से बच्चों को स्कूल छोड़ने निकले पैरेंट्स को फ्यूल नहीं मिलने से ज्यादा दिक्कत हुई। इसी तरह शहर में दवा की फुटकर और थोक दुकानें भी कई जगहों पर बंद रखी गई थीं, जिससे मरीज और उनके परिजनों को दवाओं के लिए इधर-उधर भटकना पड़ा।

नर्सिग होम्स ने भी खीचें हाथ

नर्सिग होम्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ। आलोक मिश्रा के आहवान पर बंद के दौरान शहर के कई नर्सिग होम्स में दोपहर दो बजे तक ओपीडी का संचालन नहीं किया गया। इसके चलते सरकारी हॉस्पिटल्स में मरीजों की भारी भीड़ नजर आई। इसके अलावा शहर के कई बड़े मॉल्स रिलायंस, बिग बाजार, विनायक सिटी सेंटर, सिटी ट्रेंड्स, सिटी लाइफ आदि ने भी पूरी तरह बंदी का पालन किया। व्यापारियों की मांग पर मॉल्स के गेट पर सुबह से ही टुडे क्लोज का बोर्ड लगा दिया गया था। बिना पूर्व जानकारी यहंा पहुंचे लोगों को निराशा का सामना करना पड़ा।

कहीं प्यार से तो कहीं जबरन कराया बंद

वैसे तो प्रदेश बंद के समर्थन में लगभग सभी व्यापारी संगठन थे लेकिन बावजूद इसके शहर के कई इलाकों में दुकानें सुबह से ही खुल गई थीं। इनको बंद कराने के लिए व्यापारिक संगठनों को खासी मशक्कत करनी पड़ी। कई जगह पर केवल प्रार्थना मात्र से दुकानों को बंद कर दिया गया तो कहीं पर व्यापारिक संगठनों व दुकान संचालकों के बीच तीखी झड़प भी हुई। कुल मिलाकर बंद सफल रहा।

आरोपी वकीलों पर रासुका लगाने की मांग

प्रयाग व्यापार मंडल की ओर से बंद के दौरान घंटाघर पर विरोध सभा का आयोजन किया गया। जिसमें जिला उद्योग व्यापार मंडल, युवा व्यापार मंडल, महिला व्यापार मंडल आदि सहित कई संगठनों के पदाधिकारियों ने व्यापारी नेता पर हुए हमले की निंदा की। व्यापारियों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर आरोपी वकीलों व सहयोगियों की गिरफ्तारी, रासुका लगाए जाने और घटना में शामिल वकीलों के लाइसेंस निरस्त करने की मांग की है। अध्यक्ष विजय अरोरा ने बताया कि क्ब् दिसंबर को एक आपात बैठक लखनऊ व्यापार मंडल कार्यालय में होगी। इस दौरान ओंकार नाथ खन्ना, मो। कादिर, उमेश केसरवानी, सुहैल अहमद, शिवशंकर सिंह आदि मौजूद रहे।

बंद के समर्थन में उतरे दूसरे संगठन

बंद के समर्थन में सर्व युवा व्यापार मंडल के केके गुप्ता, श्याम सुंदर पटेल आदि के नेतृत्व में सैकड़ों व्यापारियों ने विरोध प्रदर्शन किया। खुल्दाबाद हिम्मतगंज व्यापार मंडल ने जुलूस निकालकर हमलावरों को जल्द गिरफ्तार की करने की मांग की। संयुक्त व्यापार मंडल महानगर इलाहाबाद के व्यापारियों ने दुकानों पर काले झंडे लगाकर विरोध प्रदर्शन किया। साथ ही प्रदश्ेा सरकार से सुरक्षा की मांग की। खुल्दाबाद, हिम्मतगंज, लूकरगंज संयुक्त व्यापार मंडल इलाहाबाद ने घंटाघर पर उपस्थित होकर हमलावरों के खिलाफ नारेबाजी की। उप्र उद्योग व्यापार कल्याण समिति एवं इलाहाबाद गल्ला तिलहन व्यापार मंडल ने रामभवन चौराहे से जुलूस निकाला जो मुट्ठीगंज, आर्य कन्या चौराहा, बाबूगंज चौराहे से होकर मुट्ठीगंज में सभा के रूप में समाप्त हुआ। प्रयाग परिवहन ट्रांसपोर्ट यूनियन ने अध्यक्ष अमर वैश्य मुन्ना भइया की अगुवाई में मालभाड़े की लोडिंग-अनलोडिंग बंद कर चक्काजाम किया। भाजपा व्यापार प्रकोष्ठ महानगर के सदस्यों ने संयोजक राजेश केसरवानी के नेतृत्व में मुट्ठीगंज, नखासकोहना, बलुआघाट, बहादुरगंज, कोठापार्चा आदि मार्गो पर दुकानें बंद करवाए जाने की अपील की।