ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बस्ती जिले के मौर व परशुरामपुर प्राइमरी स्कूल के फर्जी प्रमाण पत्र पर नियुक्त तीन अध्यापकों सतीश शंकर शुक्ल, सुशीला देवी व उदय शंकर शुक्ल के वेतन भुगतान पर रोक लगा दी है और सचिव बेसिक शिक्षा लखनऊ को इनकी नियुक्ति की जांच करने का निर्देश दिया है तथा हलफनामे के जरिये 28 अगस्त को रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है। यह आदेश न्यायमूर्ति अरुण टण्डन तथा न्यायमूर्ति ऋतुराज अवस्थी की खण्डपीठ ने उदयभान सिंह की जनहित याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता जितेंद्र कुमार का कहना है कि सतीश व सुशीला ने विकलांग कोटे व उदयशंकर ने स्वतंत्रता सेनानी कोटे से नियुक्ति पाई जबकि तीनों कोटे में नहीं आते। अगली सुनवाई 28 अगस्त को होगी।

महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा पर एक लाख हर्जाना

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महानिदेशक चिकित्सा शिक्षा पर पीजी मेडिकल कोर्स में प्रवेश मामले में विस्तृत हलफनामा न दाखिल करने पर एक लाख रुपये हर्जाना लगाया है और 18 अगस्त तक जवाबी हलफनामा मांगा है। सुनवाई 22 अगस्त को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल तथा न्यायमूर्ति अशोक कुमार की खण्डपीठ ने छात्रा भावना त्रिपाठी की याचिका पर दिया है। याचिका पर वरिष्ठ अधिवक्ता आरके ओझा ने बहस करते हुए कहा कि याची प्रथम व दूसरी काउंसिलिंग में शामिल हुई तो मनचाहा विषय नहीं मिला। उसे तीसरी काउंसिलिंग में बैठने नहीं दिया जा रहा है और मेरिट में कम अंक वाले छात्रों को प्रवेश दिया जा रहा है। कोर्ट ने विज्ञापन देकर प्राइवेट कॉलेजों को सूचना देने को कहा है ताकि वे पक्ष रख सकें।