थानों में सीसीटीवी कैमरा लगाने की याचिका पर हाइ कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब

प्रमुख सचिव गृह को दो सप्ताह का मौका

संवेदनशील मामलों में सरकार और पुलिस विभाग की तरफ से जवाब दाखिल न किया जाना ठीक नहीं है। इलाहाबाद हाइ कोर्ट ने यह टिप्पणी प्रदेश के सभी थानों में पुलिस अभिरक्षा में होने वाली मौत को रोकने की एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान की। कोर्ट मौका दिए जाने के बाद भी जवाब दाखिल न किए जाने से नाराज थी।

जनहित याचिका है दाखिल

यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले और जस्टिस एमके गुप्ता की खंडपीठ ने दिया है। राज्य के पुलिस थानों में पुलिस अभिरक्षा में होने वाली मौत रोकने के उद्देश्य से विनय कुमार पांडेय के द्वारा जनहित याचिका कोर्ट में दाखिल की गई थी। याचिका में पुलिस अभिरक्षा में होने वाली मौत पर अंकुश लगाए जाने की मांग की गई है। कहा गया कि प्रमुख सचिव विधि निर्देश जारी करें कि थानों में या पुलिस अभिरक्षा में किसी की मौत होने पर दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। राज्य की सीमा में आने वाले सभी पुलिस थानों के कमरों और गलियारों में सीसीटीवी कैमरा लगवाने की मांग की गई।

याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार को पहले ही जवाब दाखिल का समय दिया था लेकिन बुधवार को इस मामले की सुनवाई के समय भी सरकार का कोई जवाब न होने से कोर्ट ने पुलिस विभाग पर नाराजगी जताई। प्रमुख सचिव गृह से दो सप्ताह में जवाब मांगा।