हाई कोर्ट ने प्रवक्ता पद पर नियुक्ति को ही माना अवैध

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उच्च शिक्षा सेवा चयन आयोग इलाहाबाद के उप सचिव-सचिव संजय सिंह को तत्काल पद छोड़ने की अधिकार पृच्छारिट जारी की है। कोर्ट ने इनकी 6 अप्रैल 98 में राजकीय डिग्री कॉलेज में प्रवक्ता पर की गयी नियुक्ति को अवैध करार दिया है। श्री सिंह ने नागा अनुसूचित जनजाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनवाकर नियुक्ति प्राप्त की। कोर्ट ने कहा कि संजय सिंह आयोग के सचिव पद पर नियुक्ति पाने के ही योग्य नहीं हैं।

साक्ष्यों की अनदेखी पर लिया आड़े हाथ

बुधवार को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार ने ऐसे व्यक्ति को आयोग के सचिव पद का कार्यभार सौंपा जो फर्जी प्रमाणपत्र के आधार पर प्रवक्ता नियुक्त हुआ था। ऐसे व्यक्ति आयोग द्वारा स्नातक व परास्नातक डिग्री कॉलेजों में प्रोफेसर, प्राचार्य व प्रवक्ता पद के चयन के लिए रखे गये। कोर्ट ने मुख्य सचिव द्वारा सिंह के खिलाफ साक्ष्य होने के बाद जांच में अनदेखी करने की भी आलोचना की है। यह आदेश जस्टिस अरुण टण्डन तथा अश्वनी कुमार मिश्र की खण्डपीठ ने डा। धीरेन्द्र सिंह व अन्य की याचिका पर दिया है। याचीगण दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध डिग्री कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर हैं। जिन्होंने ने संजय सिंह को आयोग के सचिव पद पर नियुक्ति की योग्यता पर सवाल खड़े किये।

जाति प्रमाण पत्र ही निकला फर्जी

श्री सिंह ने नागा जाति का प्रमाण पत्र लेकर तदर्थ प्रवक्ता पद पर नियुक्ति प्राप्त की, जो फर्जी थी

एमए परीक्षा के अंकपत्र में भी हेराफेरी का नम्बर अवैध है

कोर्ट ने जांच का आदेश दिया और मुख्य सचिव से जांच रिपोर्ट के निष्कर्षो का दस्तावेजों के आधार पर निरीक्षण कर रिपोर्ट देने को कहा

मुख्य सचिव ने संजय सिंह के बचाव को भी दर्ज किया किन्तु उनके फर्जी दस्तावेजों व विभागों से मूल दस्तावेज गायब होने की अनदेखी की

श्री सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज हुई, जिस पर फाइनल रिपोर्ट दाखिल कर दी गयी

रिकार्ड गायब है। कोई आपराधिक कार्यवाही नहीं की गयी

कोर्ट ने मुख्य सचिव से भी जांच कर रिपोर्ट मांगी तो उन्होंने जांच अधिकारी की ढुलमुल रिपोर्ट को आंख मूंदकर स्वीकार कर लिया

उन्होंने सिंह के काल्पनिक सच को स्वीकार कर लिया

गंभीर आरोपों के बावजूद सिंह को आयोग के सचिव जैसे महत्वपूर्ण पद पर तैनात कर दिया गया और वह लम्बे समय तक तैनात रहे

कोर्ट ने ऐसे व्यक्ति को सचिव नियुक्त करने पर नाराजगी प्रकट की है