बिजली विभाग के मृत कर्मचारी की विधवा से वसूली को हाई कोर्ट ने बताया गलत

वसूली नोटिस रद, दो माह में बकाया भुगतान का आदेश

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि विभाग द्वारा गलत वेतन निर्धारण से हुए अधिक भुगतान की वसूली बिना जांच किये कर्मचारी की मौत के बाद उसकी विधवा से नहीं की जा सकती। कोर्ट ने बिजली विभाग को निर्देश दिया है कि वह दो माह के भीतर मृतक कर्मचारी की पत्नी को समस्त सेवानिवृत्त परिलाभों का भुगतान करे। कोर्ट ने याची से 6 लाख 51 हजार 660 रुपये की वसूली नोटिस को रद कर दिया है।

नहीं बताया क्या नुकसान पहुंचाया

यह आदेश जस्टिस अजित कुमार ने सावित्री पाठक की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता एके ओझा ने बहस की। कोर्ट ने कहा कि विभाग ने मृतक कर्मचारी के जीवनकाल में कारण बताओ नोटिस जारी करने के अलावा कुछ नहीं किया। विभाग की गलती से अधिक भुगतान की विभागीय जांच नहीं करायी गयी और मरने के बाद कर्मचारी की पत्नी से मनगढ़ंत अधिक भुगतान की वसूली कार्यवाही शुरू कर दी गयी। यह भी स्पष्ट नहीं कि मृतक कर्मचारी ने विभाग को क्या नुकसान पहुंचाया है। कोर्ट ने कहा कि विधवा जिसने अपने पति को खो दिया हो, जिसकी जीविका पति की ग्रेच्युटी, पारिवारिक पेंशन आदि से चलने वाली हो उसका भुगतान करने के बजाय काल्पनिक नुकसान की उसी से वसूली किया जाना उचित नहीं माना जा सकता।