733

पद राजकीय इंटर कालेजों में रिक्त

364

पद राजकीय उच्च माध्यमिक स्कूलों में खाली

1824

पद प्राइवेट वित्तपोषित संस्थानों में वेकेंट

1312

पद राजकीय वित्तपोषित उच्च माध्यमिक स्कूलों में खाली

हाई कोर्ट ने मांगी माध्यमिक स्कूलों में प्रधानाचार्य के खाली पद को भरने की कार्ययोजना, सुनवाई आज

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाचार्य के खाली पदों को भरने के लिए समयबद्ध कार्ययोजना पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने अपर मुख्य सचिव (माध्यमिक शिक्षा) से 28 सितंबर तक हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है।

शुरू हुआ रिक्रूटमेंट प्रॉसेस

यह आदेश जस्टिस एसपी केशरवानी ने हरिश्चन्द्र की याचिका पर दिया है। इससे पूर्व कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि माध्यमिक स्कूलों में प्रधानाचार्यो के कितने पद भरे हैं और कितने खाली हैं। जिस पर अपर मुख्य सचिव ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि खाली पदों को भरने के कदम उठाये गये हैं। राजकीय इंटर कालेजों के प्रधानाचार्यो के पद भरने की प्रक्रिया शुरू की गयी है। 2018 में 163 पदों को भरा जायेगा। अन्य पदों के लिए चयन समिति की बैठक में निर्णय लिया जायेगा। 2011 में 955 पदों को भरने का विज्ञापन निकाला गया था। याचिका लंबित रहने के कारण परिणाम घोषित नहीं किया जा सका है। वरिष्ठता विवाद चल रहा है। वर्तमान में उप्र माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को 948 प्रधानाचार्यो के पद भरने का प्रस्ताव मिला है। कुल 3136 खाली पदों में से 2502 पदों को भरने पर विचार चल रहा है। शेष 634 पदों को भरने का प्रस्ताव शीघ्र भेजा जायेगा। अगले तीन सालों में खाली होने वाले पदों को ध्यान में रख कार्यवाही की जा रही है। इस पर कोर्ट ने समयबद्ध कार्ययोजना पेश करने का आदेश दिया है।