रोडवेज के संविदा ड्राइवर को दूसरे काम पर लगाने का आदेश

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कर्मचारी सेवा के दौरान 40 फीसदी तक दिव्यांग हुआ है तो उसे इस आधार पर विभाग से नहीं हटाया जा सकता कि वह संविदा पर तैनात था और काम करने में अक्षम है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य सड़क परिवहन निगम बांदा को दुर्घटना में घायल संविदा पर नियुक्त ड्राइवर को संविदा पर दूसरे कार्य के लिए नियुक्ति पर दो माह में निर्णय लेने का निर्देश दिया है.

एमडी ने दाखिल की थी अपील

यह आदेश जस्टिस पंकज मित्तल तथा एसडी सिंह की खंडपीठ ने प्रबंध निदेशक उप्र सड़क परिवहन निगम की विशेष अपील को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए दिया है. एकल पीठ ने सुरेश सिंह की याचिका मंजूर करते हुए उसे विभाग में ड्राइवर के अतिरिक्त कार्य देने का आदेश दिया था और कहा था कि निगम नियमित व संविदाकर्मियों में भेद नही कर सकता. यदि संविदाकर्मी ड्राइवर सेवा के दौरान 40 फीसदी विकलांग हुआ है तो उसे सेवा से हटाया नही जा सकता. इस आदेश को निगम ने अपील में चुनौती दी थी. कोर्ट ने अधिवक्ता विवेक सरन व विपक्षी अधिवक्ता घनश्याम मौर्या को सुनने के बाद निगम को नये सिरे से निर्णय लेकर आदेश पारित करने का निर्देश दिया है और कहा है कि याची को संविदा के आधार पर नियुक्ति का सकारण आदेश पारित किया जाये.