नियुक्ति वैधता को लेकर दाखिल हुई याचिका

हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मांगा जवाब

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प्रदेश के विद्युत लोकपाल विनय कुमार सिंह की नियुक्ति पर ही सवाल खड़े हो गये हैं. इलाहाबाद हाई कोर्ट में इसे चैलेंज किया गया है. इस पर कोर्ट ने विद्युत लोकपाल को नोटिस जारी की है. राज्य सरकार से कोर्ट ने छह सप्ताह में जवाब मांगा है. याचिका में लोकपाल की योग्यता पर सवाल उठाये गये है तथा उप्र विद्युत लोकपाल -सेवा शर्त- परिनियमावली 2017 के खंड 3.2 (1) व (11) को रद किये जाने की मांग की गयी है.

नैनी के निवासी ने दाखिल की याचिका

यह आदेश जस्टिस शशिकांत गुप्ता तथा पंकज भाटिया की खंडपीठ ने नैनी के दिनेश कुमार शुक्ल की याचिका पर दिया है. याचिका पर अधिवक्ता महावीर यादव व विद्युत विभाग के अधिवक्ता महबूब अहमद ने पक्ष रखा. याची का कहना है कि उपभोक्ता व्यथा निवारण फोरम में एडीजे रैंक के न्यायिक अधिकारी की नियुक्ति होती है. जिनके आदेश के खिलाफ लोकपाल की अपील की सुनवाई का अधिकार है. लोकपाल पद पर नियुक्ति के लिए इंजीनियर के साथ विधि स्नातक होना चाहिए. विपक्षी विनय कुमार सिंह विधि स्नातक नहीं है. इसलिए लोकपाल पद पर नियुक्ति पाने के योग्य नही हैं. याचिका में अधिकार पृच्छा याचिका जारी करने की मांग की गयी है.

विद्युत कनेक्शन व बिल पर विवाद

बता दें कि दिनेश शुक्ल के विद्युत कनेक्शन व बिल का विवाद है. जिस पर फोरम ने विद्युत विभाग को अधिवक्ता अरुण कुमार मिश्र की रिपोर्ट पर फाइनल बिल बनाने का आदेश दिया. अधिशासी अभियंता नैनी ने पालन नही किया तो लोकपाल के समक्ष अर्जी दी गयी. बहस के दौरान लोकपाल ने आपत्ति की और दो वकीलों सुदीप कुमार मिश्र व अरुण कुमार मिश्र पर कोर्ट की गरिमा को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाते हुए बहस करने पर प्रतिबंध लगा दिया. 28 मार्च 19 को पारित दस आदेश को भी चुनौती दी गयी है. याचिका की सुनवाई जुलाई में होगी.