तकनीकी संस्थाओं में एआईसीटीई के मानक लागू करने पर सुनवाई आज

प्रदेश के तकनीकी संस्थानों में एआईसीटीई के ना‌र्म्स लागू न करने पर दाखिल अवमानना याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई होगी। कोर्ट ने 11 अप्रैल 2001 के आदेश का अनुपालन करने के लिए राज्य सरकार को एक और मौका देते हुए अनुपालन आख्यों प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था। साथ ही इसके लिए तकनीकी शिक्षा विभाग के सचिव भुवेश कुमार जो प्रमुख सचिव पद का कार्यभार भी देख रहे हैं उन्हें नोटिस जारी करते हुए अनुपालन आख्या प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और ऐसा न होने पर 24 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने को कहा था। शुक्रवार को वह भी कोर्ट में पेश होकर पक्ष रखेंगे।

मामले से जुड़े तथ्य

1987 में स्थापित अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद ने तकनीकी संस्थानों की संरचना के लिए मानक तय किये हैं

सभी तकनीकी संस्थानों के लिए इन मानकों का पालन करना अनिवार्य है

इसमें स्टाफ निर्धारण, संरचना सेवा शर्ते, शिक्षकों की अर्हताएं, शिक्षक छात्र अनुपात, उनके कार्य निर्धारण का जिक्र है

उत्तर प्रदेश के के तकनीकी संस्थानों में इसे अब तक लागू नहीं किया गया है

फेडरेशन ऑफ इंडियन पालिटेक्निक टीचर्स आर्गनाइजेशन के महामंत्री रहे ओजस्त सिंह से 1991 में याचिका दाखिल की

इस पर हाई कोर्ट ने 11 अप्रैल 2001 के निर्णय से एआईसीटीई की संस्तुतियां तकनीकी शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से तत्काल लागू करने को कहा था

इसके विरुद्ध राज्य सरकार ने 2003 में अपील की जो खारिज हो गयी

उसके बाद सुप्रीम कोर्ट में फरवरी 2017 में एसएलपी निस्तारित करते हुए एआईसीटीई को तीन माह के भीतर निर्णय लेने को कहा

एआईसीटीई ने 23 मई 2017 को कहा कि उसके मानक लागू करना अनिवार्य है। इस पर यह अवमानना याचिका दाखिल की गयी