हाई कोर्ट ने किया सरकार से जवाब तलब, सुनवाई 12 सितम्बर को

ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश के पूर्वाचल के जिलों में जापानी इंसेफलाइटिस जैसी घातक जानलेवा बीमारियों से राज्य सरकार को युद्ध स्तर पर निपटने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर के अस्पताल के हालात का जायजा लेने के लिए उ.प्र। राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण लखनऊ के सचिव को भेजा है और फोटोग्राफ सहित 12 सितम्बर को रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है। कोर्ट का कहना था कि दशकों से हर साल हजारों बच्चों की मौत गंभीर मसला है। राष्ट्रीय स्तर के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम से समस्या का हल निकाला जाय।

मांगा जवाबे

कोर्ट ने राज्य सरकार से याचिका पर जवाब भी मांगा है। याचिका पर अधिवक्ता अनूप द्विवेदी, के.के। राय, वी.सी। श्रीवास्तव ने बहस की। यह आदेश मुख्य न्यायाधीश डी.बी। भोसले तथा न्यायमूर्ति एस.के। गुप्ता की खण्डपीठ ने मेरठ के लोकेश खुराना, सुनीता शर्मा व कई अन्य याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है। अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल ने कोर्ट को बताया कि नेपाल, बिहार के भी मरीज भर्ती हो रहे हैं। बहुत से बच्चे जन्म से चार हफ्ते में ही मर जाते हैं। कई अन्य बीमारियों सहित इंसेफलाइटिस से भी बच्चों की मौत हो रही है। राज्य सरकार ने मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हाई पावर कमेटी गठित की है।

पोस्टमार्टम क्यों नहीं?

कोर्ट ने कहा कि बच्चों का पोस्टमार्टम नहीं कराया। बच्चों की मौत किस कारण हो रही है। जानना जरूरी है कुछ तो गलत है। सरकार को ठोस कदम उठाने चाहिए। कोर्ट ने कहा कि युद्ध स्तर पर विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम बनाकर समस्या का हल निकाला जाय।

जरूरी सुविधाएं हैं या नहीं?

कोर्ट ने ब्यूरोक्रेट की कमेटी समस्या का हल निकालने में मदद नहीं करेगी। अस्पताल में जरूरी उपकरण व जांच सुविधाएं है या नहीं, इसको देखा जाना चाहिए।

लखनऊ-दिल्ली इलाज कराने क्यों?

कोर्ट की तल्ख टिप्पणी थी कि आजादी के 70 साल बाद भी इलाहाबाद के मरीज लखनऊ या दिल्ली में इलाज के लिए जा रहे हैं।