पढ़ाने वाले अध्यापकों को ही सत्र लाभ: हाईकोर्ट

ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि गैर शैक्षणिक कार्यो में लगे अध्यापक सत्र लाभ के अधिकारी नहीं हैं। सत्र लाभ उन्हीं को मिल सकता है जो स्कूलों में पढ़ा रहे हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने एक शिक्षिका को सत्र लाभ देने के एकल न्यायपीठ के आदेश को रद कर दिया है। कोर्ट ने प्रकरण नए सिरे से निस्तारित करने के लिए एकल कोर्ट को वापस भेज दिया है।

यह आदेश जस्टिस बीके शुक्ला और जस्टिस वीके बिड़ला ने प्रदेश सरकार की विशेष अपील की सुनवाई करते हुए दिया है। सरकार का पक्ष स्थायी अधिवक्ता रामानंद पांडेय ने रखा। प्रकरण के अनुसार याची सरोज तिवारी माध्यमिक विद्यालय, कौशांबी में सहायक अध्यापिका थी। कुछ वर्षो से उसकी नियुक्ति मनोविज्ञानशाला में कर दी गई। याची का 30 जून 15 को रिटायरमेंट था। उसने याचिका दाखिल कर कहा कि चूंकि वह बीच सत्र में रिटायर हो रही है, इसलिए उसे सत्र लाभ मिलना चाहिए। एकल न्यायपीठ ने याचिका स्वीकार करके सत्र लाभ देने का निर्देश दिया। प्रदेश सरकार ने इस आदेश को चुनौती देकर कहा कि चूंकि याची शैक्षणिक कार्य नहीं कर रही थी, इसलिए उसे सत्र लाभ नहीं दिया जा सकता।