इलाहाबाद हाई कोर्ट ने आजमगढ़ में 2010 से 2016 के बीच हुई छात्रवृत्ति घोटाले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंपने के बाद जनहित याचिका निस्तारित कर दी है। कोर्ट ने मामले की यथाशीघ्र जांच पूरी करने का निर्देश दिया है।

लचर जांच पर पीआईएल दाखिल

यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले तथा जस्टिस सुनीत कुमार की खण्डपीठ ने अरुण कुमार सिंह की जनहित याचिका पर दिया है। मालूम हो कि समाज कल्याण विभाग की तरफ से करोड़ों की छात्रवृत्ति वितरण में घोटाला किया गया। जिसकी जांच स्थानीय पुलिस द्वारा की जा रही थी। जांच लचर होने को लेकर जनहित याचिका दाखिल कर जांच जल्द पूरी करने की मांग की गयी थी। अपर मुख्य स्थायी अधिवक्ता रामानन्द पांडेय ने कोर्ट को बताया कि आरोपों की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दिया है। आर्थिक घोटाले पर सरकार गंभीर है। वह स्वयं मामले की तह तक जाना चाहती है। सरकार द्वारा स्वयं ही सक्रियता बरतने के कारण कोर्ट ने हस्तक्षेप न करते हुए जांच यथाशीघ्र पूरी करने का निर्देश दिया और याचिका निस्तारित कर दी है।