शुआट्स के 2ाते से 23 करोड़ की हेराफेरी

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दिया आदेश

बैंक के 35 शा2ाओं के हेड की याचिका हाई कोर्ट ने की खारिज

ए1िसस बैंक में स्थित शुआट्स के 2ाते से जिस ड्यूरेशन में 23 करोड़ की हेराफेरी हुई, उस दौरान बैंक के अफसरों की स6पत्ति में कितना इजाफा हुआ? यह 5ाी अब पुलिस इंवेस्टिगेशन का हिस्सा होगा। यह आदेश मंगलवार को ए1िसस बैंक 35 ब्रांच के हेड की तरफ से दा2िाल की गयी याचिका पर सुनवाई के बाद दिया। कोर्ट ने याचिका पर बैंक अफसर को कोई राहत नहीं दी। अन्य आरोपी बैंक कर्मियों की याचिका की सुनवाई 18 दिस6बर होगी। कोर्ट ने आर्थिक अपराध का पता लगाने के लिए सतर्कता निदेशालय को जांच की जि6मेदारी सौंप दी है। यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी 5ाोसले तथा जस्टिस एमके गुप्ता की 2ांडपीठ ने दीपक कुमार वर्मा व कई अन्य बैंक अधिकारियों, कर्मचारियों की याचिकाओं की सुनवाई करते हुए दिया है। सरकार की तरफ से अधिवक्ता विनोद कान्त एजीए नि2िाल चतुर्वेदी ने प्रतिवाद किया।

5 मई 2017 को ए1िसस बैंक व शुआट्स के कुलपति व प्रोफेसरों की मिली5ागत से 23 करोड़ रुपये के गबन की प्राथमिकी दर्ज करायी गयी

बैंक के सहायक उपाध्यक्ष ने यह प्राथमिकी दर्ज करायी थी

इस मामले में शुआट्स के कुलसचिव राबिन एस लाल व वित्त नियंत्रक बीएस लाल की जमानत हाईकोर्ट ने 9 नवंबर 17 को 2ारिज कर दिया है

अन्य आरोपी स्टेफनदास व अजय डेविड के 2िालाफ ठोस साक्ष्य न मिलने के कारण जमानत मंजूर कर ली गयी है

दीपक कुमार वर्मा के 2िालाफ मजिस्ट्रेट ने वारंट जारी किया है। जिस पर कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इन्कार कर दिया।

प्राथमिकी की जांच पुलिस क्षेत्राधिकारी द्वारा की जा रही है

बैंक ने अपने लग5ाग एक दर्जन कर्मचारियों पर कार्यवाही की है

बैंक कर्मियों ने गिर3तारी पर रोक लगाने के लिए हाईकोर्ट की शरण ली है

करोड़ों का गबन 2013 से 2016 तक हुआ

कोर्ट ने कहा कि इतने सालों तक शुआट्स के 2ाते से लग5ाग 23 करोड़ गबन कर लिए गये और शुआट्स को पता नहीं चला

कुलपति के 5ाई विनोद बी लाल को हाल ही में पुलिस ने गिर3तार किया है

याचिका की सुनवाई 18 दिस6बर को होगी।