ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित कई अन्य लोगों के खिलाफ अभियोजन चलाने के आदेश को रद करने की वैधता याचिका पर दोनों पक्षों की बहस के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया है। यह आदेश जस्टिस वीके नारायण ने रसीद खां व अन्य की याचिका पर दिया है। याचिका की पोषणीयता पर महाधिवक्ता ने आपत्ति की कि पुलिस चार्जशीट दाखिल होने के बाद शिकायतकर्ता को चुनौती देने की अधिकारिता नहीं है। इसलिए याचिका खारिज की जाय। याची अधिवक्ता एसएफए नकवी का कहना था कि शिकायतकर्ता को अभियोजन कार्यवाही सही न होने पर चुनौती देने का अधिकार है। दोनों पक्षों की तरफ से अपने पक्ष में न्यायिक निर्णय दिये गए। मालूम हो कि 2007 गोरखपुर दंगे के दौरान एक मजार को क्षतिग्रस्त कर दिया गया। जिसकी प्राथमिकी की विवेचना कर पुलिस ने चार्जसीट दाखिल की। मजिस्ट्रेट ने संज्ञान लेते हुए सम्मन जारी किया। जिसे अभियुक्त महेश खेमका ने पुनरीक्षण दाखिल कर चुनौती दी। अपर सत्र न्यायालय ने मजिस्ट्रेट का आदेश रद कर दिया जिस पर यह याचिका दाखिल की गयी है।

प्रत्येक नागरिक को त्योहार मनाने का अधिकार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि प्रत्येक नागरिक को शांतिपूर्ण तरीके से त्योहार मनाने का अधिकार है। अधिकारी त्योहार मनाने की अनुमति देने में सुस्ती नहीं बरतेंगे। यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले तथा जस्टिस एमके गुप्ता की खण्डपीठ ने ईसाई समुदाय के कौशाम्बी जिले के बिरनेट गांव के निवासी संजय सिंह व 34 अन्य की जनहित याचिका पर दिया है।

आधे-अधूरे तथ्य पर पड़ी फटकार

इलाहाबादद हाईकोर्ट ने सरकारी कार्यालयों में यौन उत्पीड़न मामले को लेकर दाखिल जनहित याचिका को दो हफ्ते बाद पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने याची को आरटीआई के जरिये बेहतर तथा निरीक्षण रिपोर्ट पेश करने को कहा है। आधे अधूरे तथ्य के साथ याचिका दाखिल करने पर कोर्ट ने फटकार लगायी। यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोसले तथा जस्टिस एमके गुप्ता की खण्डपीठ ने आफरीन मोहम्मद की जनहित याचिका पर दिया है।

एचएफएल से 200 मीटर तक निर्माण पर रोक

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मथुरा वृंदावन में यमुना नदी के उच्चतम बाढ़ बिन्दु से 200 मीटर तक निर्माण पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने मुख्य सचिव अनुपालन रिपोर्ट मांगी है। साथ ही प्रमुख सचिव द्वारा जल निगम के प्रबंध निदेशक को कोर्ट को गलत जानकारी देने के लिए परियोजना प्रबंधक को निलंबित करने की जानकारी मिलने के बाद कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि 18 जनवरी को कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है।

रिहायशी एरिया में शराब ठेका न देने का निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी मुड़कट्टा मंदिर के पास रिहायशी इलाके में देशी-विदेशी शराब की दुकान का वर्ष 2018-19 में उस एरिया में लाइसेंस न देने का डीएम को निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि कालोनी के निवासियों को शराब की दुकान में बैठकर शराब पीने की अनुमति देने से परेशानी हो रही है। दुकान के लाइसेंस की अवधि 31 मार्च को समाप्त हो रही है।