भर्तियों की सीबीआई जांच पर केन्द्र, राज्य व सीबीआई से जवाब तलब

12 जनवरी को होगी अगली सुनवाई

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग इलाहाबाद की 5 साल की भर्ती परीक्षाओं की सी.बी.आई। जांच के खिलाफ याचिका पर केन्द्र, राज्य सरकार व सी.बी.आई। से एक हफ्ते में जवाब मांगा है और अगली सुनवाई की तिथि 18 जनवरी की नियत की है। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तिथि तक आयोग के सदस्यों को बुलाकर पूछताछ करने पर रोक लगा दी है। भारत सरकार के सहायक सालीसिटर जनरल ज्ञान प्रकाश ने सीबीआई की तरफ से इस आशय का आश्वासन भी दिया। यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोंसले तथा जस्टिस सुनीत कुमार की खण्डपीठ ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग इलाहाबाद के अध्यक्ष व सदस्यों की तरफ से दाखिल याचिका पर दिया है।

संवैधानिक संस्था की जांच नहीं

वरिष्ठ अधिवक्ता शशि वन्दन का कहना लोक सेवा आयोग एक संवैधानिक संस्था है जिसकी जांच नहीं करायी जा सकती। राज्य सरकार के अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल का कहना था कि 31 जुलाई 17 के आदेश को याचिका में चुनौती नहीं दी गयी है। राज्य सरकार के अनुरोध पर केन्द्र सरकार ने 21 नवम्बर 17 को सीबीआई जांच की अधिसूचना जारी की है। कोर्ट ने याची को संशोधन अर्जी के मार्फत 31 जुलाई के आदेश को चुनौती देने की छूट दी है। कोर्ट ने राज्य सरकार से यह भी पूछा है कि सीबीआई जांच की संस्तुति भेजने के लिए क्या तथ्य है। पूर्व राज्यपाल जेएफ रिबेरो व अन्य की जनहित याचिका निस्तारित होने के बाद वर्तमान याचिका में उनकी तरफ से अर्जी दी गयी है।

सीबीआई जांच करेगी या विवेचना

आलोक मिश्र व सतीश चतुर्वेदी ने भी पक्ष रखने की अनुमति मांगी। भारत सरकार की तरफ से ज्ञान प्रकाश व विनय कुमार सिंह ने पक्ष रखा। कोर्ट ने जानना चाहा कि सीबीआई जांच करेगी या विवेचना। यदि विवेचना करेगी तो प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तारी भी कर सकती है। इस पर मनीष गोयल ने कहा कि सीबीआई पहले प्रारम्भिक जांच करेगी और फिर प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना करेगी। कोर्ट ने कहा कि वह जांच कर सकती है किन्तु वह आयोग सदस्यों को समन कर पूछताछ न करे।