बालिग होने पर आश्रित कोटे में नियुक्ति की हुई थी मांग, बैंक ने ठुकराया

ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्टेट बैंक ऑफ इंडिया को मृतक आश्रित कोटे में याची की दो माह में नियुक्ति पर विचार करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि याची की अर्जी तकनीकी या देरी या योजना लागू नहीं के आधार पर निरस्त न कर गुणदोष पर नियत की जाए। याची की मां की मौत उसकी चार साल की आयु में सेवा काल के दौरान हो गई थी। बालिग होने पर उसने अगस्त 2014 में आश्रित कोटे में नियुक्ति की मांग की थी। अनसुनी करने पर यह याचिका दाखिल की गई है। यह आदेश जस्टिस सुनीता अग्रवाल ने शुभम पांडेय की याचिका स्वीकार करते हुए दिया है। कोर्ट ने बैंक द्वारा नियुक्ति पर विचार करने से इंकार करने के आदेश को रद कर दिया है। याचिका पर अधिवक्ता अभिषेक मिश्र व हर्ष द्विवेदी ने बहस की। इनका कहना था कि याची की मां की मौत के बाद बालिग होने पर उसने अर्जी दी। जिसे 2016 में बैंक ने खारिज कर दिया और कहा कि अनुकंपा पर नियुक्ति का नियम लागू नही है। कोर्ट ने कहा कि मेरिट के बजाय तकनीकी आधार पर लिया गया निर्णय सही नही है। बैंक पुनर्विचार कर नियुक्ति का आदेश पारित करे।