चार दूकानदारों को 6 माह में दूकान खाली करने का निर्देश

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने श्री ठाकुररंग जी महाराज वृन्दावन की 4 दूकानों की बेदखली को वैध करार दिया है किन्तु याची किरायेदारों को दुकानें खाली कर कब्जा वापस करने के लिए 8 माह का समय दिया है और कहा है कि यदि 6 माह में कब्जा वापस नहीं करते तो मंदिर ट्रस्ट उनके खिलाफ अवमानना सहित अन्य वैधानिक कार्यवाही के लिए स्वतंत्र होगा। कोर्ट ने याचिकाओं को खारिज करते हुए याचियों को 4 हजार रुपये सहित बकाया राशि एक माह में भुगतान करने का निर्देश दिया है।

ट्रस्ट पर किराएदारी उपबंध लागू नहीं

यह आदेश जस्टिस एसपी केसरवानी ने राय नारायण रामाशंकर, सहाबुद्दीन वसीम व सिराजउद्दीन की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि धर्मार्थ न्यास की किरायेदारी पर उप्र शहरी भवन (किरायेदारी नियंत्रण एवं बेदखलीे) अधिनियम के उपबन्ध लागू नहीं होंगे। कुछ या एक ट्रस्टी भी ट्रस्ट की सम्पति से किरायेदार की बेदखली का वाद दायर कर सकता है। रेन्ट कंट्रोल एक्ट इस मामले में लागू नहीं होगा। यहां तक कि लगातार किराया देने वाले किरायेदार की एक माह की नोटिस देकर बेदखली की जा सकती है। कोर्ट ने श्री ठाकुर रंग जी महाराज ट्रस्ट को धर्मार्थ ट्रस्ट माना और कहा कि उस पर रेन्ट कन्ट्रोल एक्ट के उपबन्ध लागू नहीं होंगे। कोर्ट ने याचियों को चारों दुकानें 6 माह में खाली करने का निर्देश दिया है।