डायट प्राचार्य पद से 2006 की बर्खास्त रद

सेवा निरन्तरता के साथ सभी परिणामों का कोर्ट ने माना हकदार

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपर निदेशक बेसिक, माध्यमिक शिक्षा उप्र इलाहाबाद की 2006 में डायट वाराणसी के प्राचार्य पद से बर्खास्तगी को रद कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि याची जिस पद पर कार्यरत है उसमें व्यवधान न डाला जाय। कोर्ट ने याची की सेवा निरन्तरता मानते हुए कहा है कि उसे सेवा जनित समस्त परिणामों को पाने का अधिकार है। यह आदेश जस्टिस सुधीर अग्रवाल तथा डॉ केजे ठाकर की खंडपीठ ने अपर निदेशक विनय कुमार पांडेय की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है।

क्या था पूरा प्रकरण

याची लोक सेवा आयोग की 1986 की सिविल सेवा परीक्षा में उप्र शिक्षा सेवा के लिए चयनित हुआ

22 जून 1989 को जूनियर स्केल पद पर नियुक्ति की गयी

प्रशिक्षण के बाद याची को 11 अगस्त 90 को एसोसिएट जिला विद्यालय निरीक्षक इलाहाबाद पद पर नियुक्त किया गया

लोक सेवा आयोग ने 28 दिसम्बर 1990 को अपनी संस्तुति वापस ले ली

18 अगस्त 1990 को याची की नियुक्ति रद कर दी गयी जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी

कोर्ट ने बर्खास्तगी पर रोक लगा दी। 2000 में याचिका मंजूर करते हुए कोर्ट ने बर्खास्तगी रद कर राज्य सरकार को सुनकर निर्णय लेने का आदेश दिया

सरकार ने ईश्वरी प्रसाद पांडेय को मेरिट में आगे होने के कारण याची का प्रत्यावेदन खारिज कर दिया तो पुन: हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी

पहली याचिका के दौरान याची सन 2000 तक जिला विद्यालय निरीक्षक बहराइच व डीडीआर रहा

राज्य सरकार द्वारा दुबारा निर्णय 2005 में लिया गया तो याची प्राचार्य डायट वाराणसी पद पर तैनात था

2006 में दाखिल याचिका पर अन्तरिम आदेश के चलते याची 2015 में संयुक्त निदेशक बेसिक शिक्षा एवं 2014 में अपर निदेशक बेसिक शिक्षा पद पर प्रोन्नत हुआ

वर्तमान समय में याची बेसिक एवं माध्यमिक शिक्षा विभाग का अपर निदेशक है