-दो माह में 9 फीसदी ब्याज सहित भुगतान का निर्देश

ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 16 खाताधारकों के लोन एनसीए होने के आधार पर जिला सहकारी बैंक के प्रबन्धक को सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान रोकने के आदेश को रद कर दिया हैं। कोर्ट ने कहा है कि याची बैंक प्रबंधक ने अपने पद का दायित्व निभाते हुए लोन दिया और सेवारत रहते हुए कोई विभागीय जांच उसे नहीं की गयी। ऐसे में सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान करने से इंकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने सहकारी बैंक के सचिव को निर्देश दिया है कि 9 फीसदी ब्याज के साथ दो माह में बकाया भुगतान करने का निर्देश दिया है।

नहीं उठा सकता है लोन वसूली के कदम

यह आदेश न्यायमूर्ति रामसूरतराय मौर्या ने बैंक के सेवानिवृत्त प्रबन्धक सितारे की याचिका को स्वीकार करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ता रवि अग्रवाल ने बहस की। याची का कहना था कि सचिव ने 19 फरवरी 2018 के आदेश से याची का सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान यह कहते हुए रोक दिया कि उसने ऐसे लोगों को लोन दिया जिसकी वापसी नहीं हुई। इसलिए वह बैंक लोन की वसूली कर जमा कराये। याची ने ही 16 लोगों को लोन दिया था जो एनपीए हो गया। याची का कहना था कि उसने अपनी ड्यूटी की। 31 अक्टूबर 17 को याची सेवानिवृत्त हो गया है और अब वह लोन की वसूली के कदम नहीं उठा सकता। यदि लोन लेने वालों ने धोखा भी दिया है तो भी याची को सेवानिवृत्ति परिलाभों का भुगतान करने से इंकार नहीं किया जा सकता।