कोर्ट ने पहली पत्नी को 10 हजार प्रति माह गुजारा भत्ता देने का दिया निर्देश

ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने सेना के हवलदार की पत्‍‌नी को 10 हजार रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता देने का निर्देश दिया है। जनवरी से बकाया भत्ता 40 हजार दो किश्तों में भगुगतान करने की कहा है और अनुपालन रिपोर्ट 29 मई को पेश करने का आदेश दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति भारती सप्रू तथा न्यायमूर्ति शशिकान्त की खण्डपीठ ने हवलदार शिवभवन सिंह की अपील पर दिया है। याची की पत्‍‌नी मधु सिंह ने कोर्ट से तलाक मंजूर न करने की मांग की। याची को अधीनस्थ न्यायालय से एकपक्षीय तलाक मिल गया था। 90 दिन तक शादी न करने की वैधानिक बाध्यता की अनदेखी करते हुए याची ने प्रीति सिंह ने शादी कर ली। पत्‍‌नी की अर्जी पर एक पक्षीय तलाक के आदेश को वापस ले लिया जिसे पति ने हाईकोर्ट में चुनौती दी है। कोर्ट ने अधिवक्ता निमाई दास को पत्‍‌नी मधु सिंह की कानूनी सहायता करने तथा बी.पी। सिंह कद्दवाह को विशेष पर्यवेक्षक नियुक्त कर रिपोर्ट मांगी। अधिवक्ताओं ने पति पत्‍‌नी के बीच गुजारे भत्ते को लेकर विचार किया। सुप्रीमकोर्ट के निर्देशानुसार पत्‍‌नी को पति की आय की एक चौथाई राशि गुजारा भत्ता पाने के अधिकार देने के फैसले के तहत पत्‍‌नी को गुजारा भत्ता देने पर सहमति बनी और कोर्ट ने पीला हवलदार से उसकी सम्पत्ति व आय का ब्योरा भी मांगा है। क्योंकि पति ने दूसरी शादी कर ली है। कानून के मुताबिक उसे वैध नहीं माना जा सकता। पत्‍‌नी तलाक देना नहीं चाहती और दूसरी पत्‍‌नी से बच्चा भी हो गया है। मामले की अगली सुनवाई 29 मई को होगी।