ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2015 की अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती के तहत नियुक्त कनिष्ठ अभियंताओं सिविल के कार्य में किसी प्रकार के हस्तक्षेप पर रोक लगा दी है और आयोग व राज्य सरकार से याचिका पर जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 5 जुलाई को होगी। यह आदेश जस्टिस सुनीता अग्रवाल ने विपिन कुमार मौर्या व 4 अन्य की याचिका पर दिया है। मालूम हो कि आयोग ने सितम्बर 2015 में 1377 कनिष्ठ अभियंता सिविल का पद विज्ञापित किया। लिखित परीक्षा साक्षात्कार के बाद 25 मई 16 को परिणाम घोषित किया गया। सफल अभ्यर्थियों की 2016 में नियुक्ति कर दी गयी। महिला आरक्षण न दिये जाने के विवाद पर आयोग ने घोषित परिणाम पुनरीक्षित किया और 28 अप्रैल 2018 पुनरीक्षित परिणाम घोषित किया जिससे 107 कार्यरत अभियंताओं का असफल घोषित कर दिया गया। आयोग की तरफ से अधिवक्ता के। एस। कुशवाहा ने बहस की। इनका कहना था कि महिला अभ्यर्थियों ने गलत फार्म भरने के चलते आरक्षण लागू नहीं हो सका। याची का कहना है कि आयोग की गलती के लिए याचियों को दोषी नहीं माना जा सकता। आयोग की गलती के लिए याचियों का चयन निरस्त नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने प्रकरण विचारणीय माना और जवाब मांगा है।