कितने लोगों की लालबत्ती से नवाजा गया
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने निगमों, स्थानीय निकायों, प्राधिकरणों के अध्यक्षों, उपाध्यक्षों व सलाहकारों को राज्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री का दर्जा देकर लालबत्ती दिए जाने के शासनादेश पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दी है. पीठ ने राज्य सरकार को दो माह का वक्त देते हुए पूछा है कि संवैधानिक प्रावधानों के विपरीत कितने लोगों को लालबत्ती से नवाजा गया है. 62 विपक्षी पक्षकारों को नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब तलब किया गया है.
लालबत्ती देकर बढ़ाया जाता है दर्जा
कोर्ट ने 18 जुलाई 2007 को जारी राज्य सरकार के आदेश पर रोक लगाते कहा है कि सरकार अध्यक्षों और उपाध्यक्षों को लालबत्ती देने के मामले की जांच करे. यह आदेश न्यायमूर्ति देवी प्रसाद सिंह व न्यायमूर्ति अशोक पाल सिंह की पीठ ने याची सच्चिदानंद गुप्ता की जनहित याचिका पर दिए हैं. याचिका में कहा गया कि संवैधानिक नियमों के विपरीत राज्य सरकार द्वारा लालबत्ती देकर अनेक निगमों व स्थानीय निकायों के अध्यक्षों, चेयरमैन व सलाहकारों को राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया जाता है.
संख्या से ज्यादा लोगों को दिया राज्यमंत्री व कैबिनेट मंत्री का दर्जा
याची की अधिवक्ता कामिनी जायसवाल की दलील थी कि संविधान के अनुसार राज्य सरकार विधायकों के अनुपात में केवल 15 प्रतिशत लोगों को ही राज्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री व उपमंत्री का दर्जा दे सकती है. राज्य सरकार ने 18 जुलाई 2007 को शासनादेश जारी कर संख्या से अधिक लोगों को राज्यमंत्री व कैबिनेट मंत्री के दर्जे से नवाजा. राज्य सरकार की ओर से बताया गया इन दर्जा प्राप्त लोगों को केवल राज्यमंत्री का दर्जा दिया गया है.
Hindi news from National news desk, inextlive
National News inextlive from India News Desk