-सरस्वती फाटक के पास है पीपल का पेड़

ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वाराणसी काशी विश्वनाथ मंदिर के सीईओ की रिपोर्ट पर सरस्वती फाटक के पास पीपल के पेड़ काटने के खिलाफ याचिका पर हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा है कि पेड़ से जानमाल को नुकसान की संभावना को देखते हुए पेड़ का काटा जाना जनहित में है और याचिका खारिज कर दी।

हस्तक्षेप से इंकार

यह आदेश चीफ जस्टिस डीबी भोंसले तथा न्यायमूर्ति सुनीत कुमार की खण्डपीठ ने रवीन्द्र सहाय की जनहित याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता का कहना है कि पीपल का पेड़ डेढ़ सौ साल पुराना है, जिसकी लोग पूजा करते हैं। सूखी डाल लटक रही थी जिसे काट दिया गया। अब पेड़ को ही काटने की कार्यवाही की जा रही है। यह सब सुन्दरीकरण के नाम पर किया जा रहा है। नगर निगम ने पेड़ काटने की अनुमति नहीं दी है। मंदिर के मुख्य कार्यपालक की संस्तुति पर पेड़ काटा जा रहा है। इससे पर्यावरण को नुकसान होगा। किन्तु कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया।