ALLAHABAD: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पुलिस लाइंस इलाहाबाद में तैनात इंस्पेक्टर यतीन्द्र बाबू भरद्वाज के निलम्बन आदेश पर रोक लगा दी है। इंस्पेक्टर के खिलाफ पत्नी द्वारा बरेली के इज्जतनगर थाने में दर्ज कराये गये दहेज उत्पीड़न केस में विभागीय जांच बैठाते हुए एसएसपी इलाहाबाद ने 13 जनवरी 18 को निलंबित कर दिया था। मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा है कि याची को सेवा निरन्तरता के साथ वेतन दिया जाय और याची भी विभागीय जांच में सहयोग करे।

कोर्ट ने राज्य सरकार से 6 हफ्ते में मांगा जवाब

याचिका की सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने यतीन्द्र बाबू भरद्वाज की याचिका पर दिया है.कोर्ट ने राज्य सरकार से याचिका पर 6 हफ्ते में जवाब मांगा है याचिका पर अधिवक्ता विजय गौतम ने बहस की.इनका कहना है कि याची की शादी 25 साल पहले डॉ सुमन से हुई थी.याची की पत्‍‌नी ने बरेली में याची के खिलाफ दहेज उत्पीड़न व् मारपीट के आरोप में प्राथमिकी दर्ज कराई है.जिस्के आधार पर याची के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है। 7 माह बीत जाने के बाद भी अभी तक आरोपपत्र पेश नही किया गया है.साथ ही आपराधिक मामले में हाई कोर्ट ने याची की गिरफ्तारी पर पुलिस रिपोर्ट पेश होने तक रोक लगा रखी है.कोर्ट ने मुद्दे को विचारणीय माना और राज्य सरकार से जवाब मांगा है।

याचिकाओं की सुनवाई जारी

इलाहाबाद हाईकोर्ट में कर्मचारी चयन आयोग की पैरा मिलिट्री फोर्स 2011 की भर्ती में अनियमितता को लेकर दाखिल सैकड़ों याचिकाओं की सुनवाई जारी है। अजीत सिंह व अन्य की याचिकाओं की सुनवाई न्यायमूर्ति अश्विनी कुमार मिश्र कर रहे हैं। कोर्ट ने सहायक सॉलिसिटर जनरल ज्ञान प्रकाश से कहा है कि इस आशय का हलफनामा दे कि अंतिम चयनित अभ्यर्थी को कितना अंक मिला है और 2011 की भर्ती में पद खाली है या नहीं? कोर्ट ने याचियों से भी पूछा है कि अंतिम चयनित अभ्यर्थी से कितने याचियों को अधिक अंक मिले हैं। याचिकाओं की सुनवाई 24 जुलाई को 2 बजे से होगी। याचियों का कहना है कि कम अंक पाने वालों का चयन किया गया है और अधिक अंक पाने वालों का चयन नहीं किया गया है। भारत सरकार का कहना है कि भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और न्यूनतम अंक से अधिक अंक वाला कोई भी अभ्यर्थी बचा नहीं है।