मेयर और पार्षद उपचुनाव में व्यस्त, नगर निगम अधिकारी भी नहीं दे रहे ध्यान, हरी भरी भी ठंडा

ALLAHABAD: स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 के लिए नगर निगम एडमिनिस्ट्रेशन ने शहर को स्वच्छ बनाने में पूरी ताकत झोंक दी थी। करोड़ों रुपये पानी की तरह बहाया गया। लेकिन सर्वेक्षण समाप्त होते ही शहर की सफाई व्यवस्था फिर पुराने ढर्रे पर है। इस बीच लाख प्रयास के बाद भी हरी-भरी स्पीड नहीं पकड़ पा रहा है।

हर तरफ लगा है कचरे का ढेर

पुराना शहर, सिविल लाइंस या फिर शहर का बाहरी इलाका जगह-जगह कचरे का ढेर लगा हुआ है। लाख कोशिश के बाद भी पर डे कचरा बसवार प्लांट नहीं पहुंच रहा है। सीएमपी डॉट पुल से मेडिकल चौराहा आने वाली रोड पर सड़क किनारे कचरे का ढेर लगा हुआ है। गलियों में भी सफाई व्यवस्था भगवान भरोसे है।

62 वार्ड संभालने का किया था दावा

स्वच्छ सर्वेक्षण के दौरान हरी-भरी ने 62 वार्डो में डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन का दावा किया था। लेकिन सर्वेक्षण समाप्त होने के बाद हरी-भरी भी ढीला पड़ गया है। मीरगंज के पार्षद सत्येंद्र चोपड़ा का कहना है कि उनके वार्ड में हरी-भरी आज भी डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन शुरू नहीं कर पाया है। मुट्ठीगंज की पार्षद रुचि गुप्ता ने भी वार्ड में हरी-भरी द्वारा डीटीडीसी का काम नहीं कराने का आरोप लगाया है।

सर्वेक्षण के समय भी हालात बहुत अच्छे नहीं थे। इसीलिए इलाहाबाद की रेटिंग बहुत खराब हुई है। अब हालत और बद्तर है। हर गली, मोहल्ले में कूड़ा पड़ा हुआ है।

भारतेंद्र त्रिपाठी

गंगानगर, राजापुर के साथ ही पूरे शहर में आवारा पशु सबसे बड़ी समस्या हैं। सफाई तो होती है, लेकिन पशुओं द्वारा फैलाई जा रही गंदगी से काफी दिक्कत होती है।

जानी

पहले से थोड़ा सुधार हुआ है। और मजबूती से काम की जरूरत है। चम्पारन के पुरा के लोग खुद ही इस काम को अंजाम देने में लगे हैं और बहुत जल्द ही पूरा भी कर लेंगे।

सोहित मिश्रा

सफाई व्यवस्था के नाम पर काम से ज्यादा ढोल पीटा जा रहा है। छोटा बघाड़ा प्रयाग में गलियां छुट्टा पशुओं से भरी रहती हैं। वहीं जगह-जगह कचरे का ढेर लगा हुआ है।

ऋषि समीर

जार्ज टाउन थाने के पास डस्टबीन रखा गया था, जो हमेशा भरा रहता था। लेकिन इधर कुछ दिनों से डस्टबीन ही गायब हो गया है। कचरा रोड पर ही फैला रहता है।

मीतू

पहले से कुछ हद तक सफाई व्यवस्था सुधरी है। लेकिन हरी-भरी पहले भी लापरवाह था और आज भी लापरवाह है। डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन रफ्तार नहीं पकड़ पा रहा है।

भानू प्रताप मिश्रा

सफाई व्यवस्था में काफी हद तक सुधार हुआ है। लेकिन होली पर कर्मचारियों के अवकाश पर होने से सफाई व्यवस्था गड़बड़ा गई थी। हर तरफ गंदगी दिख रही है।

नीरा त्रिपाठी

दारागंज एरिया की सड़क व गलियों में स्वच्छ सर्वेक्षण अभियान का न तो पहले कोई असर दिखाई दिया और न ही अब दिख रहा है। अब भी हर तरफ पहले जैसी गंदगी दिख रही है।

ओमप्रकाश मौर्य

सिटी में साफ-सफाई का दायरा पहले की तुलना में अब बदला है। लेकिन स्वच्छ सर्वेक्षण 2018 कम्प्लीट होने के बाद भी सुधार नहीं है। राजरूपपुर में थोड़ा सुधार दिख रहा है।

महेंद्र कनौजिया