इलाहाबाद संग्रहालय में रिकालिंग इलाहाबाद व्याख्यानमाला के अन्तर्गत रंगमंच और प्रयाग विषय पर हुआ व्याख्यान

ALLAHABAD: इलाहाबाद संग्रहालय में शनिवार को रि कालिंग इलाहाबाद व्याख्यानमाला के अन्तर्गत रंगमंच और प्रयाग विषय पर सभागार में व्याख्यान का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय वर्धा के कुलाधिपति प्रो। कमलेश दत्त त्रिपाठी रहे। प्रो। त्रिपाठी ने बताया कि भारतीय रंगमंच की परंपरा विश्व में सबसे प्राचीन और बेजोड़ रही। जिसके समकक्ष यदि किसी देश के रंगमंच का नाम लिया जा सकता है तो वह ग्रीस है। उन्होंने प्रयाग की रंगमंच की परंपरा के संदर्भ में बताया कि जिस प्रकार हिन्दी रंगमंच को काशी में भारतेन्दुजी ने पुनजीर्वित किया उसी प्रकार प्रयाग में रंगमंच को महामना मालवीय ने अभिसिंचित किया।

गवर्नर ने बताई महत्ता, पुस्तक का हुआ विमोचन

व्याख्यानमाला की अध्यक्षता करते हुए पश्चिम बंगाल के गर्वनर पं। केशरी नाथ त्रिपाठी ने प्रयाग की रामलीला, नौटंकी व दशहरे पर निकलने वाली मंचीय झांकियों को लोक प्रचलित रंगमंच का आधार बताया। इस दौरान संग्रहालय की डॉ। संजू मिश्रा की पुस्तक 'ऊपरी गंगा घाटी में द्वितीय नगरीकरण' और डॉ। राजेश मिश्रा व डॉ। मधु शुक्ला द्वारा संपादित 'लोक संस्कृति में राम' के दो खंडों का विमोचन प्रो। त्रिपाठी व गर्वनर पं। त्रिपाठी द्वारा किया गया। निदेशक डॉ। सुनील गुप्ता ने अतिथियों को सम्मानित किया तो संचालन डॉ। राजेश मिश्रा का रहा।

75वीं वर्षगांठ पर विशेष आवरण का अनावरण

रोटरी इलाहाबाद की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर होटल हर्ष के सभागार में विशेष समारोह का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि पश्चिम बंगाल के गर्वनर पं। केशरी नाथ त्रिपाठी, निदेशक डाक सेवाएं एसके राय व रोटरी अध्यक्ष अनिल अग्रवाल ने संयुक्त रूप से विशेष आवरण का अनावरण किया। गर्वनर पं। त्रिपाठी ने देश सेवा के क्षेत्र में रोटरी इलाहाबाद द्वारा किए जा रहे कार्यो की सराहना की। वहीं पं। त्रिपाठी ने रोटरी के पूर्व अध्यक्ष प्रो। योगेश्वर तिवारी व संजीव गोयल की पुस्तक 'रोटरी इलाहाबाद के 75 वर्ष : एक गौरवशाली यात्रा' का विमोचन भी किया।