-ज्यादातर बसों की खिड़कियां टूटी, फटे हैं सीट कवर

-शिकायत के बाद भी रोडवेज नहीं दे रहा ध्यान

- गर्मी में यात्रियों की मुश्किलें और बढ़ी

ALLAHABAD:

प्रदेश सरकार रोडवेज को सुधारने का दावा तो कर रही है, लेकिन हकीकत इससे पूरी तरह उलट है। आलम यह है कि ज्यादातर बसों की खिड़कियां टूटी हैं। सीट कवर फटे हैं। नाइट शिफ्ट में चलने वाली ज्यादातर बसों में लाइटिंग का इंतजाम नहीं किया गया। कुछ बसों में बल्ब नहीं लगे तो कुछ बसों में मौजूद बल्ब खराब हैं। वीआईपी बसों की स्थिति भी अच्छी नहीं है। इनमें पंखों की व्यवस्था तक नहीं की गई। यात्रियों ने इसकी शिकायत विभाग के आला अफसरों से की, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

बड़ी संख्या में यात्री करते हैं सफर

सिविल लाइंस, लीडर रोड, जीरो रोड, प्रयाग डिपो आदि स्टेशनों से रोजाना करीब तीस से चालीस हजार यात्री अलग-अलग रूटों पर सफर करते हैं। यात्रियों से किराया तो पूरा वसूल किया जा रहा है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर सिर्फ खानापूरी की जा रही है। कई बसों में शीशे टूटे हैं तो कई बसों में सीट एंगल से उखड़ गई हैं। लीडर रोड और जीरो रोड डिपो से जुड़ी बसों की हालत तो और भी खस्ता हैं। इन बसों पर सफर करने वाले यात्रियों को तमाम तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

फैक्ट फाइल

मंडल में रोडवेज बसें 385

सिटी बसों की संख्या 127

अनुबंधित बसें 116

70 हजार यात्री रोजाना करते हैं सफर

खस्ताहाल हो चुकी बसों को वर्कशाप भेज दिया जाता है। जिन बसों की हालत अच्छी नहीं है, मरम्मत के बाद ही उनका संचालन किया जाता है। यात्रियों को सफर में कोई दिक्कत नहीं आने दी जाएगी। जल्द ही सभी बसों की मरम्मत कराई जाएगी।

डा हरीश चन्द्र, क्षेत्रीय प्रबंधक