इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में डिप्टी सीएम की घोषणा

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PRAYAGRAJ: सपा शासनकाल में स्थापित इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय बहुत जल्द प्रयागराज विश्वविद्यालय के नाम से जाना जाएगा। यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने इस बात की जानकारी शनिवार को इलाहाबाद राज्य विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में नैनी स्थित परिसर में दी। उनके साथ समारोह में यूपी के राज्यपाल राम नाईक और पश्चिम बंगाल के राज्यपाल पं। केशरी नाथ त्रिपाठी भी शामिल हुए। डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा कि विवि के कुलपति प्रो। राजेन्द्र प्रसाद यादव ने इस आशय का प्रस्ताव भेज दिया है। समारोह का शुभारंभ निर्धारित समय दोपहर के 02 बजे से एक घंटे देरी से हुआ।

दीक्षांत का मतलब शिक्षांत नहीं: दिनेश शर्मा

डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने कहा यह राज्य विवि का पहला दीक्षांत है। नाम परिवर्तन से पूर्व इसे अंतिम दीक्षांत समारोह भी कहा जा सकता है।

- दीक्षांत का मतलब शिक्षांत नहीं है। बल्कि यह उपाधिधारकों के लिए शिक्षा को और ज्यादा विस्तारित करने का दिन है।

- सरकार की कोशिश है कि राज्य विश्वविद्यालयों में फारेन लैंग्वेजेस की भी पढ़ाई हो।

- देश में प्रतिभा पलायन एक समस्या है।

- सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों की शिक्षा में एकरूपता लाना अनिवार्य है।

- अगले वर्ष अक्टूबर तक सभी राज्य विवि में दीक्षांत समारोह हो जाएंगे।

- समय से परीक्षा, उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन और समय पर परिणाम निकालना चुनौती है।

शिक्षा मतलब किताबी नहीं चारित्रिक ज्ञान भी : पं। केशरी नाथ त्रिपाठी

- केवल उपाधि मिलना ही जीवन की पूर्णता नहीं है।

- ज्ञान को कहीं से भी प्राप्त करने में संकोच नहीं करना चाहिए।

- शिक्षा का मतलब केवल किताबी ज्ञान नहीं चारित्रिक ज्ञान भी होता है।

- शिक्षा के नैतिक, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक ज्ञान की है जरूरत।

- स्वामी विवेकानंद, डॉ। सर्वपल्ली राधाकृष्णन और रवीन्द्र नाथ टैगोर के कथनो को सबके सामने रखा।

- आज भी हम मैकाले की शिक्षा पद्धति से मुक्त नहीं हो सके हैं।

- इतिहास, भूगोल आदि परंपरागत विषयों में घटती रूची पर चिंता जाहिर की।

- हमें परंपरागत शोध की बजाय गहराई से किए जाने वाले शोध की जरूरतों पर बल देना होगा।

- राष्ट्रीय शिक्षा नीति ऐसी हो जो विश्वसनीय हो।

56 फीसदी लड़कियों को उपाधि मिलना शुभ संकेत : राम नाईक

- इस वर्ष राज्य विश्वविद्यालयों में 12.58 लाख विद्यार्थियों को उपाधि वितरित की गई।

- इसमें 56 फीसदी संख्या लड़कियों की है।

- यह संख्या प्रदेश में महिला सशक्तिकरण का बेहतरीन उदाहरण और शुभ संकेत भी है।

- कानपुर विवि में 81 फीसदी, गोरखपुर विवि में 82 फीसदी, डॉ। भीमराव अम्बेडकर यूनिवर्सिटी आगरा में 85 फीसदी लड़कियों को मेडल प्रदान किया गया है।

- पूर्व प्रधानमंत्री पं। अटल बिहारी बाजपेई की याद आ रही है। उन्होंने ही सबसे पहले सर्व शिक्षा अभियान की घोषणा की थी।

- कड़ी प्रतिस्पर्धा के लिए प्रमाणिक और पारदर्शिता से काम करें।

- कभी असफलता आ गई तो हिम्मत न हारें, बल्कि आत्मचिंतन करें।

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दीक्षांत समारोह में मेडल वितरण

उपाधियां वितरित- 20,542

छात्र- 7541

छात्राएं- 13,001

छात्राओं का प्रतिशत- 63.28

कुल स्वर्ण पदक- 28

छात्र- 12

छात्राएं- 16

कुल रजत पदक- 32

छात्र- 16

छात्राएं- 16

कुल कांस्य पदक- 31

छात्र- 11

छात्राएं- 20