28 फरवरी से जारी था इविवि कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन

छात्रसंघ अध्यक्ष समेत संयुक्त परिषद के पदाधिकारी किये गये थे निलंबित

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो। आरएल हांगलू की सख्ती के बाद कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल स्थगित कर दी है। छात्रसंघ अध्यक्ष समेत पूरे संयुक्त परिषद के निलंबन के बाद कर्मचारी नेताओं ने यह निर्णय वेडनेसडे को लिया। इसके बाद इविवि में थर्सडे से शुरू होने वाली वार्षिक परीक्षाओं पर मंडरा रहा संकट भी छंट गया है। कर्मचारी काम पर वापस लौट आए हैं।

संयुक्त परिषद का किया था गठन

इलाहाबाद विश्व विद्यालय में तृतीय श्रेणी कर्मचारी यूनियन मिनिस्टीरियल एंड टेक्निकल स्टॉफ एवं चतुर्थ श्रेणी की वर्कर्स यूनियन ने कर्मचारियों से जुड़ी 15 सूत्री मांगों को लेकर कुछ समय पूर्व आन्दोलन शुरू किया था। इस बीच वीसी प्रो। आरएल हांगलू से उनके ऑफिस में कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों की नोंकझोंक हुई थी। इसके बाद दोनो कर्मचारी संघों ने मिलकर लड़ाई के लिये संयुक्त परिषद का गठन किया था।

रोहित मिश्रा से बात को नहीं थे तैयार

मिनिस्टीरियल एंड टेक्निकल स्टॉफ यूनियन के अध्यक्ष डॉ। संतोष सहाय पर इविवि के छात्रनेता समेत अन्य छात्रों ने मिलकर अल्लापुर में हमला बोला था। कर्मचारियों ने हमला करवाने का आरोप वीसी पर मढ़ा और इविवि के छात्र राणा यशवंत प्रताप सिंह आजाद समेत अन्य पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज करवा दिया। इसी के साथ एक मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। मामला तब और बिगड़ गया जब वीसी ने संयुक्त परिषद की कमान थामने वाले छात्रसंघ अध्यक्ष रोहित मिश्रा की अगुवाई में बात से इंकार कर दिया। ऐसे में थर्सडे से शुरू हो रही वार्षिक परीक्षाओं पर भी संकट के बादल मंडरा रहे थे।

अब मैदान में केवल निलंबित नेता

परीक्षा से ठीक एक दिन पहले वेडनसडे को संयुक्त परिषद से जुड़े नेताओं ने हड़ताल को स्थगित करने का निर्णय लिया। इसके पीछे बड़ी वजह परिषद के अध्यक्ष रोहित मिश्रा, उपाध्यक्ष छोटे लाल मौर्य, वार्ता अध्यक्ष डॉ। संतोष सहाय, संयोजक शहजादे एवं महामंत्री हरे कृष्ण द्विवेदी को इविवि प्रशासन द्वारा निलंबित कर देना है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की सख्ती से भी कर्मचारियों में भय का माहौल था। संयुक्त परिषद की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि वे अपना पक्ष रखने के लिये इलाहाबाद हाईकोर्ट की शरण लेंगे। इस दौरान केवल संयुक्त परिषद के निलंबित पदाधिकारी ही अपना विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे।