80

कमरे खाली हुए शताब्दी ब्वॉयज हॉस्टल के

259

खाली कराए गए हॉल ऑफ रेजीडेंस में

246

कमरे खाली कराए गए सर राधाकृष्णन हॉस्टल के

तीन हॉस्टल्स में चला वाशआउट अभियान

भारी संख्या में फोर्स के साथ पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी

ALLAHABAD: इलाहाबाद विवि के हॉस्टल वाशआउट अभियान के चौथे दिन तीन हॉस्टल्स खाली कराए गए। भारी संख्या में फोर्स की मौजूदगी के चलते इस दौरान छात्रों ने कोई विरोध दर्ज नही कराया। जानकारी के मुताबिक मंगलवार सुबह दस बजे विवि के चीफ प्राक्टर, डीएसडब्ल्यू, सीओ कर्नलगंज, एसीएम फ‌र्स्ट के नेतृत्व में पुलिस और आरएएफ के जवानों समेत हाल ऑफ रेजिडेंस हॉस्टल में छापेमारी की। यहां कुल कमरों की संख्या 259 है। सभी को खाली करा दिया गया। इस दौरान कमरों में ताला लगा हुआ था। छात्रों की गैर मौजूदगी में विवि प्रशासन ने कमरे से सामान बाहर निकालकर कमरे पर कब्जा जमा लिया।

यहां भी पसरी रही शांति

इसी क्रम में शताब्दी हॉस्टल में भी छापेमारी की गई। 80 कमरे और 130 कैपेसिटी वाले हॉस्टल के सभी कमरे खाली करा दिए गए। पिछले दो दिनो के अभियान के दौरान पुलिस और अफसरों के तेवर देखकर आज कोई विरोध के लिए सामने ही नहीं आया। ज्यादातर कमरे खाली थे। इस पर प्रशासन ने अपना ताला जड़ दिया। सर राधाकृष्णन हॉस्टल के भी 246 कमरे खाली कराए गए। यहां 270 छात्रों के रहने की सुविधा है। यहां भी कमरे खाली थे। कार्रवाई के लिए तीसरा हॉस्टल चुना गया था हॉल ऑफ रेजीडेंसी। लड़कियों के लिए इस हॉस्टल में भी मौके पर कोई मौजूद नहीं मिला। अभियान के दौरान कुल मिलाकर 585 कमरे खाली कराए गए हैं। चीफ प्रॉक्टर प्रो। रामसेवक दुबे ने बताया कि आज की कार्रवाई बेहद शांतिपूर्ण रही। कहीं भी किसी भी प्रकार का विरोध नहीं हुआ।

आज कार्रवाई में ज्यादा परेशानी नहीं हुई। दिन में 12 बजे टीम निकली और दो बजे तक तीनों हॉस्टल्स के कमरों पर अपना ताला बंद करके लौट आई। सभी हॉस्टल्स के कमरे खाली मिले। बुधवार को जीएन झा और पीसीबी हॉस्टल में कार्रवाई होगी।

प्रो। रामसेवक दुबे

चीफ प्रॉक्टर, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी

एक माह में पूरा करें हॉस्टल का रेनोवेशन

हाई कोर्ट ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हॉस्टल खाली होने के बाद सफाई, मरम्मत कार्य की अवधि तय न करने पर कुलसचिव के हलफनामे पर असंतोष जाहिर किया है और 30 मई को कार्य पूरा करने की तिथि के साथ कार्य समय सारिणी के साथ हलफनामा मांगा है। कोर्ट ने कहा है कि विश्वविद्यालय अपने दायित्व से बहाने बनाकर बच नहीं सकता। कोर्ट आदेश का कड़ाई से पालन करना ही होगा।

यह आदेश जस्टिस अरुण टण्डन तथा पीसी त्रिपाठी की खण्डपीठ ने दिया है। छात्र के वरिष्ठ अधिवक्ता उमेश नारायण शर्मा ने हलफनामा दाखिल कर कोर्ट को बताया कि सीपीडब्ल्यूडी हॉस्टल सफाई मरम्मत आदि का कार्य 8 जून से शुरू करेगी। कोर्ट उसे पक्षकार बनाकर कार्य पूरा करने का निर्देश दे। कोर्ट ने कहा कि हॉस्टल खाली हुआ अब विश्वविद्यालय को एक माह के भीतर जून में सफाई मरम्मत आदि कार्य पूरा करना होगा। कोर्ट ने कुलसचिव के हलफनामे से असंतोष जाहिर किया और कहा कि टाइम टेबल पेश कर समय के भीतर काम पूरा करें ताकि छात्रों को जुलाई में नए सिरे से हॉस्टल का आवंटन किया जा सके। अगली सुनवाई 30 मई को होगी।