इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में प्रवेश लेने वाले छात्रों की पहली पसंद बना मॉडर्न हिस्ट्री सब्जेक्ट

जनरल छात्रों के लिए ज्योग्राफी और पॉलिटिकल सांइस का आप्शन भी हुआ क्लोज

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इंटर पास कर लिया है। ग्रेजुएशन में एडमिशन लेने पहुंचे हैं। फ्यूचर का टारगेट क्लीयर है। कहां जाना है। टारगेट एचीव करने के लिए क्या जरूरी है और क्या गैर जरूरी? इसे लेकर कोई कन्फ्यूजन नहीं है। टॉप रैंकर्स के इस स्टेप ने लो रैंकर्स के लिए आप्शन ही क्लोज कर दिया है। काम्बिनेशन की लिस्ट देखकर लो रैंकर्स का माथा ठनक जा रहा है। प्राब्लम यह है कि ओबीसी और एससी कोटे ने इसे अपने च्वाइस लिस्ट में सबसे ऊपर नहीं रखा तो भी उन्हें इसका कोई फायदा नहीं होने वाला है।

मंगलवार को तीसरा ही दिन था

यह सीन है इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में बीए में एडमिशन का। संडे से ही बीए में एडमिशन प्रॉसेस शुरू हुआ है। शुरुआत के चार दिनों में (बुधवार तक) जनरल और एसटी कैटेगिरी के छात्रों को काउंसिलिंग और एडमिशन के लिए कॉल किया गया है। मंगलवार को इंट्रेंस एग्जाम में 172 अंक तक पाने वाले छात्रों के पास प्रवेश लेने का मौका था। यह कटऑफ जनरल कैटेगिरी के लिए था। सुबह नौ बजे रिपोर्टिग टाइम था।

3550 सीटें, 25 सब्जेक्ट कांबिनेशन

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी में बीए में कुल 3550 सीटों पर प्रवेश होना है। कुल 25 सब्जेक्ट कांबिनेशन जारी किये गये हैं। मंगलवार को एडमिशन लेने के लिए पहुंचे छात्रों के पास सब्जेक्ट कांबिनेशन की अपनी लिस्ट थी। उनकी मंशा पर पानी फिर गया जब उनके हाथों में डिटेल फिल करने के लिए फॉर्म आया। इसमें मॉडर्न हिस्ट्री, पॉलिटिकल साइंस, सोशल साइंस, ज्योग्राफी का ऑप्शन ही नहीं था। उनकी नजर सामने चल रही एलईडी स्क्रीन पर गयी तो पता चला कि इन सब्जेक्ट्स में काफी सीटें वेकेंट हैं। भ्रम की स्थिति बनी तो छात्रों ने सवाल किया। जवाब मिला बची हुई सीटें आरक्षण कोटे के लिए है। इसका लाभ जनरल कैटेगिरी के सिर्फ उन छात्रों को मिल सकता है जिन्होंने ईडब्लूएस (इकोनॉमिकली वीकर क्लासस) कैटेगिरी फॉर्म फिल करने के लिए फिल की हो और उनके पास इसका सर्टिफिकेट भी हो।

पैरेंट्स को व्यवस्था पर आपत्ति

इलाहाबाद यूनिवर्सिटी सब्जेक्ट कांबिनेशन चूज करने की व्यवस्था पर आपत्ति थी। उनका कहना था कि क्रीम सब्जेक्ट्स की सीटें आरक्षित कर दी गयी हैं। कैटेगिरी स्टूडेंट्स ने इन सब्जेक्ट को चूज नहीं किया तो सीटें खाली रह जाएंगी। इसका फायदा उन्हें ज्यादा मिल जाएगा जो प्रथम चरण की एडमिशन प्रक्रिया पूरी होने के बाद एडमिशन के लिए आएंगे। उनका कहना था कि अभी एडमिशन लेने वाले छात्रों को आप्शन मिलना चाहिए कि यदि सीटें रिक्त रहती हैं तो वे अपना सब्जेक्ट कांबिनेशन चेंज कर सकें।

सिविल की तैयारी के लिए स्कोरिंग सब्जेक्ट है भूगोल, राजनीति शास्त्र, मॉडर्न हिस्ट्री

प्रयागराज सिविल सर्विसेज की तैयारी का गढ़ रहा है। आईएएस और पीसीएस के रिजल्ट में भले ही साइंस स्ट्रीम की सफलता का रेशियो बढ़ रहा हो लेकिन हिंदी बेल्ट अभी भी आर्ट स्ट्रीम की पढ़ाई करके तैयारी करता है। तैयारी के लिए ज्योग्राफी, पॉलिटिकल साइंस, मॉडर्न हिस्ट्री, सोशियोलॉजी को बेस्ट माना जाता है। माना जाता है यह स्कोरिंग सब्जेक्ट है।

मंगलवार को जनरल कैटेगिरी को यह मिली स्टेटस

मॉडर्न हिस्ट्री सीटें फुल

पॉलिटिकल साइंस सीटें फुल

ज्योग्राफी सीटें फुल

सोशल साइंस आप्शन नहीं

मेडुअल हिस्ट्री 953 सीटें

स्टैटेटिक्स 17 सीटें

डिफेंस स्टडीज 197 सीटें

एंथ्रोपोलॉजी सीटें फुल

इकोनॉमिक्स 601 सीटें

साइकोलॉजी 109 सीटें

अब तक सब्जेक्ट कांबिनेशन फिल कर चुके स्टूडेंट्स के पास सब्जेक्ट चेंज करने का आगे कोई आप्शन नहीं होगा। एक कंडीशन बनती है कि पहले प्रवेश ले चुका छात्र सब्जेक्ट सरेंडर करे। इस स्थिति में मौका मिल सकता है।

प्रो। धनंजय यादव,

चेयरमैन, प्रवेश समिति बीए, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी

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ओबीसी-एससी/एसटी व ईडब्लूएस कैटेगिरी की काउंसिलिंग की पूरी होने के बाद क्रीम सब्जेक्ट में सीटें शेष रह जाने पर काउंसिलिंग करा चुके जनरल कैटेगिरी के छात्रों को सब्जेक्ट चेंज करने का आप्शन मिलना चाहिये?