सोशल नेटवर्किंग माध्यमों पर छलका 23 वर्षीय छात्र का दर्द

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के वीसी पर लगे संगीन आरोपों के बाद विवि के 23 वर्षीय पुरा छात्र विवेक रंजन सिंह का दर्द छलक पड़ा है। विवेक ने वीसी द्वारा 15 अगस्त 2016 को दिए गए अवार्ड ऑफ एक्सीलेंस को लौटाने की घोषणा कर दी है। सीनेट हाल में इस दिन हुए प्रोग्रोम में छह लोगों को विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए पुरस्कृत किया गया था। इसमें मंच पर वीसी के साथ प्रो। केएस मिश्रा, प्रो। आरके चौबे, प्रो। एनके शुक्ला आदि शामिल हुए थे। विवेक ने अपना दर्द फेसबुक पेज पर भी साझा किया है। जिसके बाद उनके पेज पर कमेंट और लाइक्स आने का सिलसिला भी शुरू हो गया।

हर सम्मान को वापस कर दूंगा

विवेक का कहना है कि वीसी और महिला साहित्यकार की बातों को लेकर मुझसे प्रश्न दागे जा रहे हैं। मैं मानता हूं कि इन दोनों से मेरे सम्बन्ध रहे हैं और अब भी हैं। महिला साहित्यकार से मेरा जुड़ाव उनके साहित्यकार होने की वजह से है और वीसी से बतौर संस्थान का कर्ताधर्ता। इन दिनो लोग मुझसे मेरा स्टैंड पूछ रहे हैं तो मैं यह साफ करता हूं कि यदि वायरल ऑडियो और अन्य चीजें सत्य साबित होती है तो मैं वीसी द्वारा दिए हर उस सम्मान को वापस कर दूंगा जो मुझे उनके द्वारा प्रदत्त है। मेरे पास विरोध का और कोई मार्ग नही है। मैं सदैव से विवि का शुभचिंतक रहा हूं और सिर्फ संस्थान के हित में ही मैने वीसी से वार्तालाप शुरू किया। वर्तमान प्रकरण कितना सच है या साजिश मैं नही जानता।

मेरा प्रयास विवि की गरिमा बनाए रखना है। इसे कोई भी कलंकित करने का प्रयास करता है चाहे वह छात्र हो, अध्यापक हो या फिर प्रशासनिक पद पर आसीन कोई व्यक्ति मैं तत्काल उससे सभी सम्बन्ध तोड़ने को तैयार हूं।

विवेक रंजन

पुरा छात्र, इलाहाबाद विश्वविद्यालय