बातचीत में कुछ भी अश्लील नहीं, जिससे विवि की गरिमा को ठेस पहुंचे

इविवि प्रशासन का हास्यास्पद बयान, एक तरफ बचाव में इंकार, दूसरी तरफ सफाई में ही कई झोल

देश के बड़ी साहित्यकार की विधवा के साथ संबंधों को लेकर विवादों से घिर इलाहाबाद यूनिवर्सिटी कि वीसी ने एबीवीपी नेता की मीडिया से बातचीत की जानकारी होते हुए अपना पक्ष जारी कर दिया। 06 सितम्बर को महिला को काल्पनिक बताने वाले तत्कालीन पीआरओ प्रो। हर्ष कुमार ने स्क्रीन शॉट के बाहर आने के बाद कहा था कि स्क्रीन शॉट और महिला दोनो काल्पनिक है। सोमवार, 17 सितम्बर को इविवि ने पहली बार महिला के साथ हुई बातचीत पर स्पष्ट सफाई पेश की है। पीआरओ चितरंजन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि जिस ऑडियो टेप को सनसनी बनाकर रोहित मिश्रा ने मीडिया के सामने प्रस्तुत किया उसमें सामान्य और दोस्ताना बातचीत है। कुछ भी अश्लील नहीं है, जिससे विश्वविद्यालय की गरिमा को ठेस पहुंचे।

महिला आगवानी के लिए हम तैयार

पीआरओ के मुताबिक हम इसमें कुलपति की आवाज की पुष्टि नहीं करते। हम इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हैं। वैसे भी इस बातचीत में कुछ भी आपत्तिजनक नहीं है। बातचीत में दोनों की परस्पर सहमति दिख रही है। कहा है कि बातचीत के कई हिस्से सामान्य और बहुत घरेलू हैं। बातचीत के अंश पर पीआरओ का कहना है कि किसी के घर जाकर मिलने में कुछ भी अश्लील या गोपनीय नहीं है। महिला उनकी आगवानी के लिए ख़ुशी ख़ुशी तैयार है। रोहित के मुताबिक इस ऑडियो में कुलपति की आवाज है। हम इस बात का खंडन करते हैं। हमें इस पूरे षड्यंत्र को समझना होगा। इसमें वही लोग हैं जो पिछले कई दिनों से विवि के माहौल को अशांत करना चाहते हैं। उपरोक्त महिला से इस मामले पर जवाब लेने की कोशिश की गई। लेकिन उसने अभी अपना कोई जवाब नहीं दिया है। पीआरओ ने महिला से जुड़े कुछ किस्से भी मीडिया से साझा किए हैं। जिसमें यह दर्शाने की कोशिश की गई है कि महिला का चरित्र बहुत पहले से ही संदिग्ध रहा है।

इस ऑडियो में मेरी कोई आवाज नहीं है। तकनीक के इस दौर में कोई भी आसानी से ऐसा कर सकता है। मैं इसकी उच्च स्तरीय जांच की मांग करता हूं।

प्रो। रतन लाल हांगलू,

कुलपति इविवि

कुलपति के निर्देशन में विवि विगत ढाई वर्षो से प्रत्येक क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है। मैं प्रयाग के लोगों से अपील करता हूं कि कुलपति का पूर्ण सहयोग करें। मैं हांगलू को लम्बे समय से जानता हूं। किसी भी तरह की साजिश में शामिल न हों।

कुंवर रेवती रमण सिंह,

सांसद राज्यसभा