नए रेगुलेशन में लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों को लगभग पूरी तरह से शामिल किया गया है। इसके मुताबिक स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन में खड़े होने वाले हर कैंडिडेट के लिए एज लिमिट तय होगी। ऐसे में तय है कि एज लिमिट का ये बैरियर बहुतों के ख्वाबों को चकनाचूर करेगा।

जल्द declare होगी date

वीसी जल्द ही रिटर्निंग ऑफिसर की नियुक्ति करेंगे। फिलहाल इलेक्शन डेट एनाउंस नहीं की गई है। उम्मीद है कि जल्द ही इस संबंध में कोई डिसीजन लिया जाएगा.  10 जनवरी के एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में वीसी ने डीएसडब्ल्यू आरके सिंह के नेतृत्व में तीन सदस्यीय कमेटी को स्टूडेंट यूनियन रेगुलेशन तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी थी।

बड़ा झटका

लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों को नए रेगुलेशन में शामिल किया गया है। एकेडमिक काउंसिल सोर्सेज का कहना है कि यह कदम कई छात्र नेताओं को झटका दे सकता है। सबसे बड़ी बाधा एज लिमिट को लेकर है। ये लिमिट क्लास और कोर्स के हिसाब से तय की गई है।

इसमें मिल सकती है राहत

नए रेगुलेशन के मुताबिक कई और मामलों में छात्र नेताओं को बैकफुट पर जाना पड़ सकता है। सोर्सेज के मुताबिक दागी (जिनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हो) स्टूडेंट्स भी स्टूडेंट यूनियन इलेक्शन में खड़े नहीं हो सकेंगे। हालांकि इस मसले पर कुछ मेंबर्स के विरोध करने की भी खबर है।

कई मामले विचाराधीन

कुछ मेंबर्स का कहना है कि विरोधी कैंडिडेट की ओर से किसी के खिलाफ जान बूझ कर भी मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है। ऐसे में इस रूल पर आगे संशोधन होने की उम्मीद है। बता दें कि प्रजेंट में यूनिवर्सिटी के कई छात्र नेताओं पर शांति भंग जैसे कई मामले विचाराधीन हैं।

इस साल तो बच गए

लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों के अगेंस्ट दो बड़ी छूट भी दी गई है। डिपार्टमेंट हेड के मुताबिक लिंगदोह कमेटी द्वारा स्टूडेंट इलेक्शन में खड़े होने वाले कैंडिडेट़्स के लिए पासिंग परसेंट की बाध्यता को नए रेगुलेशन में नहीं शामिल किया गया है। क्लास में 75 प्रतिशत अटेंडेंस के मानक से भी फिलहाल इस साल के इलेक्शन के लिए छूट दी गई है। सोर्सेज का कहना है कि नेक्स्ट इलेक्शन से ये मानक अनिवार्य रहेगा।

Age limit

Under Graduate- 22 years

Post Graduate-    25 years

B.Ed               - 25    years

LL.M               - 28 years

M.Tech, M.Ed- 26 years

Research Scholar  - 30 years

All four year courses- 24 years