ALLAHABAD: ऐसे समय जब एयू में नए सेशन में अभी एक दिन भी कामकाज की शुरुआत नहीं हुई है। ऐसे में वीसी के इस्तीफे के बाद कार्यवाहक रजिस्ट्रार प्रो। बीपी सिंह भी अपने पद पर वापस लौटने को तैयार नहीं है। वहीं वित्त अधिकारी भी कार्यवाहक ही हैं। ऐसे में नए सेशन की शुरुआत में यह बड़ा सवाल खड़ा हो गया है कि आखिर यूनिवर्सिटी चलेगी कैसे?

नया नहीं हटने-हटाने का दौर

प्रो। एके सिंह के कार्यकाल में इस्तीफों का दौर नई बात नहीं है। इनके कार्यकाल में पूर्व चीफ प्राक्टर प्रो। जटाशंकर, पूर्व डीएसडब्ल्यू प्रो। आरके सिंह, पूर्व डीएसडब्ल्यू डॉ। एआर सिद्दकी और पीआरओ का कार्य देख रहे डिप्टी रजिस्ट्रार एके कनौजिया को हटाया गया। पूर्व फाईनेंस आफिसर पीके सिंह तो इस्तीफा ही देकर चले गए थे। वहीं प्रो। जटाशंकर के बाद आए प्रो। माता अम्बर तिवारी और प्रो। आरके उपाध्याय ने भी इस्तीफे की पेशकश की। इससे पहले खुद वीसी प्रो। एके सिंह भी बुदेलखंड यूनिवर्सिटी में वीसी के पद से इस्तीफा दे चुके थे।

कार्यवाहक कुलपति पर होगी निगाहें

अनिश्चितता के इस हालात में आगामी छह अगस्त को होने वाली कार्य परिषद की आपात बैठक भी फंस गई है। देखने वाली बात होगी कि कार्यवाहक कुलपति प्रो। एनआर फारुखी इस बैठक को बुलाते हैं या नहीं। बैठक में कर्मचारियों की मांगों पर निर्णय होना था। कर्मचारियों का अभी भी कहना है कि यदि बैठक नहीं हुई तो क्क् अगस्त से दोबारा अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी। उनपर शैक्षिक सत्र की शुरुआत में छह से आठ सप्ताह के बीच छात्रसंघ चुनाव करवाने का भी प्रेशर होगा।

नेक्स्ट वीसी कौन

उधर, अब सभी की निगाहें मानव संसाधन विकास मंत्रालय और एयू के विजिटर प्रणब मुखर्जी पर भी टिकी होंगी। यदि विजिटर वीसी का इस्तीफा मंजूर कर लेते हैं तो यह देखने वाली बात होगी कि नए वाइस चांसलर के रुप में किसकी इंट्री होती है। फिलहाल तो अभी से नामों पर कयासों का दौर शुरु हो गया है। अब सभी को बुधवार को एयू के ओपन होने का इंतजार है।