ये वजहें हैं वाइस चांसलर के रिजाइन की
हालांकि प्रो.एके सिंह के इस्तीफे के लिए कर्मचारियों की पिछले कई सप्ताह से चल रहे आंदोलन, यूनिवर्सिटी में पढ़ाई रुकने, एग्जाम रिजल्ट्स अटके होने व शनिवार को उनके आवास पर फूलपुर, कौशाम्बी और भदोही के सांसदों को एक घंटे तक बुलाकर बाहर बैठाए रखने और छात्रों के आए दिन होने वाले आंदोलनों को कारण माना जा रहा है.

स्मृति ईरानी से की गई थी शिकायत
यूनिवर्सिटी के बदतर हालात पर फूलपुर के सांसद केशव प्रसाद मौर्य, भदोही के सांसद वीरेंद्र सिंह 'मस्त' और कौशाम्बी के सांसद विनोद सोनकर ने वीसी( वाइस चांसलर) द्वारा अपने आवास पर बुलाकर एक घंटे तक बाहर बैठाए रखने और काफी जिद्दोजहद के बाद वार्ता करने की ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट मिनिस्टर स्मृति ईरानी से शिकायत की थी. सांसदों नेयूनिवर्सिटी के प्रोफेसर्स, एंप्लॉइज और स्टूडेंट्स के हालात की जानकारी भी दी थी. स्मृति ईरानी ने तीनों सांसदों को बुधवार को मिलने का समय भी दिया था. कुलपति के व्यवहार से आहत सांसदों ने संसद में विशेषाधिकार हनन का मामला भी उठाने की बात कही थी.

एचआरडी मिनिस्ट्री से आया था फैक्स
बताया जा रहा है कि एचआरडी मिनिस्ट्री से सोमवार को कुलपति के पास एक फैक्स आया. फैक्स मिलने के बाद कुलपति टेंशन में दिखे. इसके बाद ही कुलपति ने रजिस्ट्रार प्रो. बीपी सिंह को इस्तीफे की जानकारी दी. प्रो.बीपी सिंह ने बताया कि कुलपति ने व्यक्तिगत वजहों से राष्ट्रपति को इस्तीफा भेज दिया है और एक कॉपी मुझे दी है. प्रो.एके सिंह 24 जनवरी 2011 को इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर बने थे. वह 2007 में बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी वाइस चांसलर बनाए गए थे पर कुछ माह बाद ही इस्तीफा दे दिया था.

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