सावन में इलाहाबाद-वाराणसी हाईवे हो जाता है वनवे

वाराणसी-गोरखपुर से आने वाले वाहनों को फाफामऊ होकर आना-जाना पड़ा

ALLAHABAD: सावन समाप्त होने के साथ इलाहाबाद से वाराणसी-गोरखपुर रूट पर सफर करने वाले यात्रियों ने भी राहत की सांस ली है। इस रूट के यात्रियों को न तो अब करीब एक घंटे एक्स्ट्रा बर्बाद करने पड़ेंगे और न ही एक्स्ट्रा फेयर पे करना होगा। आज आधी रात के बाद से इलाहाबाद वाराणसी हाई वे पर फिर से दोनों तरफ वाहनों का चलना शुरू हो गया।

कांवरियों के लिए था आरक्षित

सावन में बड़ी संख्या में कांवरिया संगम से जल लेकर बाबा विश्वनाथ को चढ़ाने वाराणसी जाते हैं। इसके चलते पूरे महीने इलाहाबाद-वाराणसी हाईवे को वनवे कर दिया जाता है। इसके चलते भारी वाहनों को भी नुकसान होता है और रोडवेज के साथ इस रूट के अलावा गोरखपुर मार्ग पर जाने वाले यात्रियों को भी परेशानी उठानी पड़ती थी। इससे यात्री परेशान होते थे और उन्हें चूना भी लगता था। अकेले रोडवेज को इस दौरान करीब तीस लाख रुपए का चूना लग गया है।

क्या होती थी दिक्कत

यात्रियों को न तो 45 रुपए अधिक तक किराया देना पड़ता था

फाफामऊ वाया सोरांव बाईपास से करीब 25 किमी की अतिरिक्त यात्रा करनी पड़ती थी

इलाहाबाद-वाराणसी राजमार्ग को नौ जुलाई की रात से ही वन वे कर दिया था

इस रूट से निगम से अनुबंधित 37 बसें और सिविल लाइंस डिपो की दस बसें चलती थीं

लगभग इतनी ही संख्या गोरखपुर-आजमगढ़ और जौनपुर रूट पर चलने वाली बसों की भी थी