-यौन शोषण के आरोप से यूनिवर्सिटी स्तब्ध

ALLAHABAD: इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के डिप्टी रजिस्ट्रार मेजर हर्ष कुमार पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों से पूरा विश्वविद्यालय स्तब्ध है। मंडे को यूनिवर्सिटी के ओपन होने के बाद यह प्रकरण लोगों की जुबान पर चढ़ा रहा और लोग घटना के वास्तविक कारणों और उससे जुड़ी सच्चाई को जानने के लिए कानाफूसी करते रहे।

निष्पक्ष जांच की उठी मांग

गौरतलब है कि मेजर हर्ष कुमार पर एक महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाकर सनसनी मचा दी है। यह महिला एक डिग्री कॉलेज में निलंबित कर्मचारी की पत्नी है। यूनिवर्सिटी में मेजर की पहचान एक सख्त ऑफिसर के रूप में रही है। यही कारण है कि लोग इस आरोप पर आसानी से विश्वास नहीं कर पा रहे। बहरहाल, मंडे को यूनिवर्सिटी के ज्यादातर कर्मचारी डिप्टी रजिस्ट्रार के समर्थन में नजर आए और उन्होंने घटना के निष्पक्ष जांच की मांग की है।

संदेह के घेरे में कुछ अफसर

डिप्टी रजिस्ट्रार के समर्थन में उतरे इम्प्लाईज का आक्रोश पुलिस की भूमिका को लेकर भी रहा। उनका कहना है कि एक शैक्षिक संस्था के बड़े अफसर पर कोई भी मामला पंजीकृत करने से पहले उसकी जांच पड़ताल की जानी चाहिए थी। क्योंकि यह सीधे तौर पर किसी की साख से जुड़ा मामला है। उन्होंने घटना को एक बड़ी साजिश बताते हुए इसमें कुछ अफसरों की संलिप्तता की भी बात कही। कहा जा रहा है कि महिला को कुछ उच्च पदस्थ लोगों ने घटना को अंजाम देने के लिए उकसाया।

एडीसी में आपात बैठक

उधर, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी एंड कॉलेज कर्मचारी यूनियन ने इलाहाबाद डिग्री कॉलेज में आपात बैठक बुलाकर घटना की निंदा की है। यूनियन के महामंत्री अम्बरीश लाल श्रीवास्तव का कहना है कि यदि शीघ्र ही इसपर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो आमसभा बुलाकर सख्त कदम उठाने को मजबूर होना पड़ेगा। बैठक में केके घोष, अजीत श्रीवास्तव, केपी तिवारी, अशोक गौड़, एसके अवस्थी, डॉ। भुवनेश्वर शर्मा, शशांक शुक्ल आदि शामिल रहे।