- यूपीएसआईडीसी ने जमीन चिन्हीकरण का काम शुरू किया

- मुख्यमंत्री ने दे दी है हरी झंडी, देश-विदेश के उद्यमी यहां प्लांट लगाएंगे

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KANPUR:: उत्तर प्रदेश में उद्योगों के विकास के लिए यूपीएसआईडीसी एक नई इबारत लिखने की तैयारी कर रहा है। जिसके तहत प्रदेश में छह इन्वेस्टमेंट जोन बसाकर देश व विदेश के उद्यमियों को निमंत्रण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने भी इन्वेस्टमेंट जोन को हरी झंडी दे दी है। जमीन के चिन्हीकरण के साथ अधिग्रहण के लिए जल्द अधिसूचना जारी होने वाली है। अगर समय से यह इन्वेस्टमेंट जोन स्थापित हो गए तो उत्तर प्रदेश में उद्योगों के विकास को तेज रफ्तार मिलेगी

फ्रेट कॉरीडोर रूट पर

देश के नामी उद्योगपतियों को यूपी में प्लांट लगाने की सहूलियत देने के लिए यह इन्वेस्टमेंट जोन स्थापित किए जा रहे हैं। रेल मंत्रालय द्वारा बनाए जा रहे अमृतसर-कोलकाता फ्रेट कॉरीडोर के रूट पर ही सभी इन्वेस्टमेंट जोन बसेंगे। इन सभी जोन को अलग-अलग नाम दिया जा रहा है। खास बात यह है कि जो इन्वेस्टमेंट जोन जिस शहर के पास बसेंगे, वहां की मशहूर चीज की उत्पादन यूनिटें भी उस जोन में लगेंगी।

पश्चिमांचल इन्वेस्टमेंट जोन- इस जोन के लिए मुजफ्फरनगर, बेगराजपुर, मेरठ और मोदीनगर में स्थान चिन्हित किया गया है। करीब छह हजार हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित करने की तैयारी चल रही है। यहां फूड प्रोसेसिंग, आयरन व स्टील, चीनी, खाण्डसारी, खेलकूद सामान, कृषि यंत्र व स्प्रिट बनाने की यूनिट्स लगेंगी।

बृज इन्वेस्टमेंट जोन- यह जोन चोला, खुर्जा, अलीगढ़, मथुरा और आगरा सर्किल में स्थापित किया जाएगा। इसके लिए 2000 हेक्टेयर भूमि की जरूरत है। स्थान का चिन्हीकरण कर अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी करने का प्लान है। इस जोन में फूड प्रोसेसिंग, मीट प्रोसेसिंग, आयरन व स्टील, बिजली उत्पादन यंत्र, चीनी मिट्टी के बर्तन आदि की फैक्ट्रियां लगेंगी।

इटावा-औरेया-कन्नौज इन्वेस्टमेंट जोन- 6000 हेक्टेयर पर यह जोन बसाया जाएगा। इस जोन में पहले से ही दिबियापुर प्लास्टिक सिटी प्रस्तावित है। फूड प्रोसेसिंग, मीट प्रोसेसिंग, आयरन व स्टील, बिजली उत्पादन यंत्र, चीनी मिट्टी के बर्तन अादि के प्लांट लगेंगे.

कानपुर लॉजिस्टिक हब- इस इन्वेस्टमेंट जोन के लिए कानपुर, उन्नाव क्षेत्र को चिन्हित किया गया है। यह जोन 6000 हेक्टेयर भूमि पर प्रस्तावित है। इस जोन में पहले से पनकी, रनियां, जैनपुर, सुमेरपुर, मलवां और रूमा इण्डस्ट्रियल स्टेट है। यहां प्लास्टिक, फर्टिलाइजर, फार्मास्यूटिकल,औद्योगिक मशीनरी, इन्सेक्टीसाइड, टेक्सटाइल्स, आईटी, बिजली उत्पादन यंत्र निर्माण की यूनिटें लगाई जाएंगी।

इलाहाबाद-नैनी-बारा इन्वेस्टमेंट जोन- यह जोन इलाहाबाद में बनेगा। इस जोन में नैनी, बरगढ़, मेजा औद्योगिक क्षेत्र पहले से ही शामिल हैं। यह जोन बिजली उत्पादन यंत्र, सीमेन्ट, आईटी, ग्लास व ग्लास पा‌र्ट्स की यूनिट्स लगाने के लिए स्थापित किया जा रहा है।

मुगलसराय-वाराणसी-मिर्जापुर इन्वेस्टमेंट जोन- वाराणसी में बसाए जाने वाले इस जोन को करीब 600 हजार हेक्टेयर भूमि की जरूरत है। भूमि के चिन्हीकरण का काम तेजी से चल रहा है। इस जोन में रामनगर, सिधवन (भदोही), करख्यिांव, मऊ औद्योगिक क्षेत्र पहले से ही हैं। टेक्सटाइल्स, आयरन, स्टील, प्लास्टिक, हैण्डीक्राफ्ट, हैण्डलूम की यूनिटें लगेगी और एग्रो पार्क का ि1नर्माण भी प्रस्तावित है।

मुख्यमंत्री की हरी झण्डी

आधा दर्जन इन्वेस्टमेंट जोन की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हरी झंडी दे दी है। इसके बाद यूपीएसआईडीसी तेजी से जमीन के चिन्हीकरण का काम कर रहा है। कई जगह जमीन फाइनल भी कर ली गई हैं। सभी जोनों में भूमि चिन्हित होने के बाद भूमि अधिग्रहण के लिए अि1धसूचना जारी की जाएगी।

50 हजार करोड़ का निवेश

उम्मीद की जा रही है कि इन इन्वेस्टमेंट जोन में उद्यमी करीब 50 हजार करोड़ रुपए का निवेश करेंगे। अभी हाल में मुख्यमंत्री मुबंई में हुए उद्यमियों के सम्मेलन में शामिल हुए थे जहां उन्होंने देश के बड़े उद्यमियों को उत्तर प्रदेश में निवेश करने के लिए आमंत्रित किया था। इसी वजह से मुख्यमंत्री ने भी यूपीएसआईडीसी को यह सभी जोन जल्द स्थापित करने का आदेश दिया है।

50 हजार लोगों को रोजगार

अगर सब कुछ ठीक रहा और यह सभी जोन स्थापित हो गए तो करीब 50 हजार से अधिक लोगों को परोक्ष रूप से रोजगार मिल सकेगा। इसके साथ ही करीब चार लाख लोग इन जोनों में लगने वाले उद्योगों से अपरोक्ष रूप से जुड़ेंगे।

'इंवेस्टमेंट जोन के लिए जमीन चिन्हित की जा रही है। बहुत जल्द अधिग्रहण के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी.'

-मनोज सिंह, एमडी, यूपीएसआईडीसी