- शहर के 50 लोगों का जत्था अमरनाथ यात्रा के लिए 12 को हुआ था कैंट से रवाना

- 15 को बालटाल में वापसी के दौरान बादल फटने से फंस गए सभी दर्शनार्थी

- वापसी के दौरान प्यारेलाल की हार्टअटैक से हुई मौत। शव मॉच्र्युरी में रखा है।

- घटना की जानकारी होने के बाद टेंशन में परिवार। टीवी व अन्य माध्यम पर टिकी हैं नजरें

BAREILLY:

अमरनाथ यात्रा से लौट रहे बरेली के 50 श्रद्धालुओं का एक जत्था बालटाल में बादल फटने से फंस गया है। इस दौरान एक श्रद्धालु की हार्टअटैक से मौत हो गई है। 24 घंटे से अधिक का वक्त गुजर गया है, लेकिन उनके बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है। हालात यह है कि स्थानीय लोग श्रद्धालुओं से न सिर्फ लूटपाट कर रहे हैं। बल्कि, दुकानों पर उन्हें खाने-पीने का सामान चार से पांच गुना रेट पर मिल रहा है। विपदा में फंसे श्रद्धालुओं और उनके बरेली स्थित परिजनों से आई नेक्स्ट से बातचीत की खास रिपोर्ट

वापसी के दौरान हुआ हादसा

12 जुलाई को बरेली के सभी क्षेत्रों से 46 लोगों का जत्था अमरनाथ धाम यात्रा के लिए रवाना हुआ था। वहां पहुंचकर लोगों ने बालटाल में होटल बुक किया था। नेक्स्ट डे वह लोग दर्शन के लिए रवाना हुए। थर्सडे को दर्शन कर जत्था वापस लौट रहा था कि उनकेएक साथी बांसमंडी निवासी प्यारेलाल की हार्टअटैक आ गया, जिससे उनकी मौत हो गई। इसके बाद दो लोग शव के साथ और बाकी अन्य एक ग्रुप में निकले। सोमवार नामक जगह जहां भंडारा हो रहा था, वहीं कुछ देर बाद थर्सडे शाम को बादल फट पड़ा। जिसमें सभी लोग बिछड़ गए। जत्था एक ओर और शव के साथ रहने वाले अलग अलग हो गए। श्राइन बोर्ड से संपर्क कर शव को लेकर लोग वापसी कर रहे हैं।

पुलिस ने नहीं दिया साथ

प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक शाम को लोग कैंप के पास ग्रुप में मौजूद थे। इसी दौरान दिन भर से हो रही हल्की बारिश ने तेजी के साथ होने लगी। पास ही के पहाड़ पर बादल फट पड़ा। सड़कों पर खड़ी गाडि़यां बह गई। कई लोग भी लहरों की चपेट में आ गए। मौजूद जनसमुदाय में अफरा तफरी मच गई। करीब दो घंटे बाद वहां पर मिलिट्री पहुंची जिसने दर्शनार्थियों की मदद करनी शुरू की। बीमार लोगों को एरोप्लेन से एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले गए। वहीं, अन्य के साथ भारी मात्रा में मिलिट्री पुलिस तैनात कर दी गई। सड़कों पर हुआ जलभराव कम होने के बाद कीचड़ और मलबों से पटे हुए रास्ते से होकर लोग पैदल रास्ता तय कर रहे हैं।

लूट पाट कर रहे स्थानीय लोग

बालटाल में जिंदगी और मौत के साथ जूझ रहे शहरवासियों ने बताया कि वहां के स्थानीय लोग दर्शनार्थियों को लालच देकर व रात के अंधेरे का फायदा उठाकर लूट की घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। इसके अलावा मौजूद शॉप्स पर भी रेट करीब 10 गुना ज्यादा कर दिया गया है। एक बोतल पानी डेढ़ सौ रुपए, सौ का रिचार्ज तीन सौ में, दस रुपए की शेव के सौ रुपए, खाने के सभी आईटम 8 से 10 गुना ज्यादा और होटल की कीमत 5 गुना तक बढ़ा ि1दए हैं।

मुश्किल से हो रहा कम्युनिकेशन

बालटाल में फंसे कैंट निवासी अजय कनोत्रा ने बताया कि वह घर पहुंचने की जद्दोजहद कर रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने बाई एयर घर जाने के लिए संपर्क साधा, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। नेटवर्क प्रॉब्लम और रिचार्ज मुश्किल से मिलने की वजह से घर से कम्युनिकेशन भी नहीं हो पा रहा है। उन्होंने बताया कि घटना के करीब दो घंटे बाद परिवार से संपर्क साधा गया था। अशोक मेहता ने बताया कि बीएसएनएल पूरी तरह ठप होने के दूसरे सिम से बात कर रहे हैं। वहीं, टीवी न होने से घटना के बारे में डिटेल और रेस्क्यू ऑपरेशन की जानकारी भी घर से पूछनी पड़ रही है।

सांसत में परिवार

घटना के बारे में सुनते ही दर्शनार्थियों के परिवारों में खलबली मची हुई है। महानगर निवासी मीनू कनोत्रा ने बताया कि हसबैंड से बात हुई थी तो उन्होंने बताया घर कब पहुंच पाउंगा यह पता नहीं है, जब से बात हुई है, तब से सभी चिंता में हैं। बच्चों को अभी तक कुछ भी नहीं बताया है। दूसरी ओर कैंट निवासी सतीश मेहता ने बताया कि उनके भाई अशोक से बात हो रही है। वह बालटाल में फंसे हैं। टीवी पर सभी नजर गड़ाए बैठे हैं। पल पल की जानकारी भाई से ली और दी जा रही है। वहीं, मनीष ने बताया कि पापा प्रेम नारंग प्यारेलाल का शव लेकर प्लेन से वापस आने की बात कह रहे हैं। हालांकि उड़ान कब होगी इसकी कोई डिटेल नहीं मिल पा रही है।

कब घर पहुंचेगा प्यारेलाल

दर्शनार्थियों के मुताबिक 50 लोगों के ग्रुप संग दर्शन करने गया प्यारेलाल को मुक्ति मिल गई है। इससे पहले कई लोग गए, लेकिन कभी किसी की दर्शन के बाद मौत नहीं हुई। बांस मंडी निवासी प्यारे लाल पल्लेदारी का काम करता थे। उनके परिवार में दो लड़के और दो लड़कियां हैं। शव के साथ वापसी कर रहे प्रेम नारंग ने बताया कि परिवार में बेटे को पिता की मौत की खबर बता दी गई है। शव को अमरनाथ श्राइन बोर्ड के मा‌र्च्युरी में रखा गया है।