- जिन इलाकों में इंसेफेलाइटिस का खतरा ज्यादा हो, डीएम ने वहां वॉल राइटिंग कराने के साथ ही 102 और 108 एंबुलेंस से मरीजों को पहुंचाने के दिए निर्देश

- पीएचसी पर चिकित्सकों की अनिवार्य उपस्थिति के लिए सीएमओ को दिए निर्देश

GORAKHPUR: जेई के मरीज जिस क्षेत्र में अधिक पाए जाते हों, वहां इस बीमारी से बचाव व निदान के लिए वालराइटिंग की जाए। इसके साथ ही 102 और 108 एंबुलेंस से उन्हें स्वास्थ्य केंद्रों पर जल्द पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। यह निर्देश डीएम ओएन सिंह ने सीएमओ को दिए। वह 11 से 17 जुलाई तक ऑर्गनाइज होने वाले इंसेफेलाइटिस जागरुकता सप्ताह को लेकर जिम्मेदारों के साथ विकास भवन सभागार में मीटिंग कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने सभी पीएचसी पर चिकित्सकों को रोजाना अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के लिए सीएमओ को निर्देशित भी किया।

60 से 70 प्रतिशत बच्चे प्रभावित

डीएम ओएन सिंह ने बताया कि गोरखपुर और बस्ती मंडल में 60-70 प्रतिशत बच्चे इस बीमारी से प्रभावित होते हैं। जेई के इलाज के दौरान 30 प्रतिशत बच्चों की मौत हो जाती है, जबकि शेष 70 प्रतिशत में 50 प्रतिशत बच्चे विकलांग हो जाते हैं। विकलांगता का असर पूरे परिवार पर पड़ता है। एक बच्चे के बीमार होने और उसके वायरस से हजारों बच्चे प्रभावित होते है, इसलिए इलाज से अच्छा बचाव ही उपयुक्त है। उन्होंने बताया इस अभियान में जागरुकता के लिए एएनएम, आशा, शिक्षक, विकास विभाग के कर्मचारी और आंगनवाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण ब्लाक स्तर पर दिया जाएगा।

तहसीलवार चलेगी ट्रेनिंग

सदर तहसील के सभी ब्लाकों में 11 जुलाई, चौरीचौरा व सहजनवां तहसील के ब्लॉक में 12 जुलाई, खजनी और कैंपियरगंज 13 जुलाई व बांसगांव तहसील के ब्लाकों में 15 जुलाई को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसी प्रकार सभी ग्राम सभाओं में चैपाल आयोजित कर लोगों को बीमारी से बचाव, लक्षण और निदान की व्यवस्था की जानकारी दी जाएगी। इस मौके पर सीडीओ मन्नान अख्तर ने कहा कि साधारण बुखार में भी मरीजों को स्वास्थ्य केंद्र पर पहुंचाया जाए। जेई की स्थिति न होने पर खुद चिकित्सक मरीज को वापस कर देगा। उन्होंने बताया कि कुपोषण की स्थिति में यह बीमारी अधिक होती है। एएनएम ऐसे बच्चों को चिन्हित कर कुपोषण को दूर करने का प्रयास करें।

धान के खेतों में वायरस अधिक

इस दौरान डॉ। वीके श्रीवास्तव ने प्रोजेक्टर के माध्यम से बताया की सुअर में मच्छर की वजह से वायरस का तेजी से फैलाव होता है। इसके साथ ही यह धान के खेतों में भी अधिक पाया जाता है। शाम से समय इन मच्छरों से बचाव अधिक उपयुक्त है। उन्होंने बताया कि जेई के मरीज की मृत्यु पर 50 हजार, विकलांगता पर एक लाख के साथ समाजवादी पेंशन का भी लाभ मिलता है। इस मौके पर डीएम ने सभी उपस्थित अधिकारियों को शपथ दिलाई कि 'मैं इस अभियान में सम्मिलित होकर शपथ लेता हूं कि अपने सकारात्मक प्रयासों से कम से कम एक बच्चे की जान बचाने का सच्चा प्रयास करूंगा' इस अवसर पर सीएमओ, डीडीओ, पीडी, जिला विद्यालय निरीक्षक, खंड विकास अधिकारी गण व जनपदीय अधिकारी उपस्थित रहे।